Green Field Expressway: साढ़े तीन घंटे में तय होगा गाजियाबाद-कानपुर का सफर, हरियाली के बीच दौड़ेंगी गाड़ियां
Green Field Expressway गाजियाबाद से कानपुर तक बनेगा 380 KM लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे। दावा है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनने के बाद मात्र साढ़े तीन घंटे में गाजियाबाद से कानपुर का सफर होगा पूरा l इसके लिए एनएचएआइ ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी भोपाल की एजेंसी को दी है। आबादी क्षेत्र से दूर फोर लेन राजमार्ग 10 जिलों से होकर गुजरेगा।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 24 Jun 2023 01:54 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण टीम। आने वाले समय में गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा। हरित राजमार्ग नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा 380 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। आबादी क्षेत्र से दूर यह फोर लेन राजमार्ग दस जिलों से होकर गुजरेगा। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी भोपाल की लायन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट एजेंसी को दी गई है।
मात्र साढ़े तीन घंटे का होगा सफर
एनएचएआइ का दावा है कि इससे साढ़े तीन घंटे में गाजियाबाद से कानपुर का सफर पूरा हो जाएगा। अभी गाजियाबाद से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-91) है। इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है। इसकी और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के बीच की दूरी करीब बीस किलोमीटर रहेगी। यह गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव की सीमा क्षेत्र से होते हुए कानपुर को जोड़ेगा।
डीपीआर बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर करेंगे सर्वे
डीपीआर बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर सर्वे कर यह तय करेंगे कि 380 किमी की दूरी में कहां-कहां फ्लाईओवर, अंडरपास और पुल बनेंगे। दोनों ओर घने छायादार पेड़ों के साथ डिवाइडर पर पौधारोपण किया जाएगा। इससे वाहनों के हेडलाइट की रोशनी दूसरी लेन में चलने वाले वाहन चालक की आंखों पर न पड़े। डीपीआर स्वीकृत होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।गाजियाबाद से कानपुर के बीच नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस -वे बनाया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसी तय हो गई है। डीपीआर बनने के बाद उसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा। प्रदेश में इस तरह के आठ एक्सप्रेस बनाए जाएंगे। पीके कौशिक, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ।
हरियाली को बढ़ावा देने के साथ प्रदूषण कम करना जरूरी
हरित राजमार्ग नीति-2015 जीटी रोड सहित अन्य हाईवे बनाए गए थे, उस समय आबादी वाले क्षेत्र दूर थे। आबादी क्षेत्र बढ़ता चला गया। जीटी रोड व अन्य हाईवे आबादी क्षेत्र के बीच आ गए। यहां तक कि बाइपास के दोनों ओर आबादी क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। इस पर वाहनों की संख्या बढ़ने से वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। हरित राजमार्ग नीति-2015 के तहत किसानों, निजी क्षेत्र और वन विभाग सहित सरकारी संस्थानों की भागीदारी से पर्यावरण-अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और हरियाली को बढ़ावा देने के साथ राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पेड़ और झाड़ियां लगाकर वायु प्रदूषण और धूल के प्रभाव को कम करना है।चार हो जाएंगे राष्ट्रीय राजमार्ग
जिले की सीमा में इस समय दिल्ली-कानपुर(एनएच-91), आगरा-मुरादाबाद(एनएच-93) और पलवल- टप्पल- अलीगढ़ (एनएच-334 डी) तीन राष्ट्रीय राजमार्ग गुजर रहे हैं। इनके अलावा दो राज्य राजमार्ग छतारी-अतरौली-कासगंज और अलीगढ़-मथुरा भी शामिल हैं। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद जिले की सीमा से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या चार हो जाएगी।
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गाजियाबाद से कानपुर (एनएच-91) के बीच अलीगढ़ से कानपुर तक फोरलेन का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह जुलाई माह तक पूरा हो जाएगा। गाजियाबाद से अलीगढ़ तक सिक्सलेन रोड का निर्माण किया जा रहा है।