कल्याण के गढ़ में जातियों के खांचे, क्या जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे सतीश गौतम ?, या भारी पड़ेगा मायावती का दांव, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट
Lok Sabha Election अलीगढ़ में भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम को तीसरी बार टिकट दी है। बसपा ने भगवा छोड़कर हाथी पर सवार हुए ब्राह्मण हितेन्द्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने इस बार पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा है। अलीगढ़ के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रमुख संवाददाता आलोक मिश्र की रिपोर्ट कुछ ऐसी है।
आलोक मिश्र, अलीगढ़। ताले के लिए देश-दुनिया में विख्यात शहर यानी अलीगढ़। तालीम का शहर यानी अलीगढ़। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं तो अलीगढ़ में सवाल यही है कि आखिर कौन बनेगा सांसद? कल्याण के गढ़ में जनता किसे सौंपेगी संसद जाने के लिए ‘जीत की चाबी’। फैक्टर कई हैं, लेकिन सबसे अहम है जातीय गोलबंदी। भाजपा, सपा और बसपा के उम्मीदवारों के समक्ष बनते-बिगड़ते जातीय समीकरणों से पार पाने की बड़ी चुनौती है। अलीगढ़ के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रमुख संवाददाता आलोक मिश्र की रिपोर्ट...
अलीगढ़ में तीसरी बार मैदान में सतीश गौतम
अलीगढ़ में भाजपा के ब्राह्मण प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं। बसपा ने भगवा खेमा छोड़कर हाथी पर सवार हुए ब्राह्मण हितेन्द्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय पर दांव लगाया है। बसपा ने पहले यहां गुफरान नूर को टिकट दिया था, बाद में बंटी उपाध्याय को मैदान में उतारकर चाल बदली है।सपा-कांग्रेस गठबंधन ने इस बार पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा है। जाट बिरादरी के बिजेन्द्र सिंह 2004 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। अब चुनावी तपिश बढ़ रही है तो अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा क्षेत्र का मढ़ौली गांव बिल्कुल शांत है। इन दिनों यहां बाबूजी (पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह) के पुश्तैनी आवास पर कोई हलचल नहीं है।
बाबूजी के बाद परिवार के अधिकांश सदस्य अलीगढ़ में
बाबूजी के बाद परिवार के अधिकतर सदस्य अलीगढ़ शहर में बने आवास में रहते हैं। गांव की पक्की सड़क में घुसते ही कुछ दूर आगे लोकेश कुमार अपने घर के बाहर गोद में बच्चे को लिए खड़े थे। चुनाव की चर्चा आते ही बिना हिचके कहते हैं कि ‘यह भाजपा का गढ़ है।’ सामने बने बरात घर की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि ‘इसे बाबूजी ने बनवाया था। गांव के हर व्यक्ति के लिए यह मुफ्त है। सभी अपने आयोजन यहां करते हैं।’
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के घर के ठीक सामने रहने वाले उदय राम की उम्र अब 82 वर्ष हो चुकी है। छांव में कुर्सी पर बैठे उदय राम वोट के सवाल पर दो-टूक कहते हैं... ‘भाजपा।’ कुछ दूर आगे ग्राम चौमुहा में किराने की दुकान चलाने वाले गौतम कुमार भी चुनाव की चर्चा आते ही बिना समय गंवाए फूल खिलने की बात कहकर चुप हो जाते हैं। बगल में खड़े जुगेन्दर भी इसी पर मुहर लगाते हैं।
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हालांकि, एक सच यह भी है कि भगवा गढ़ में अपना खास दखल रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ‘बाबूजी’ के सांसद पुत्र राजवीर सिंह ‘राजू भैया’ और सतीश गौतम के बीच की तल्खी भी किसी से छिपी नहीं है। इसे लेकर चर्चाएं भी खूब हैं। यहां खेमेबंदी की गांठें भी गिनाई जाती हैं।
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