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हाथरस हादसा: 'ऐसा व्यक्ति भगवान नहीं हो सकता…, साकार विश्व हरि के अनुयायियों का फूटा गुस्सा, कार्रवाई की मांग

हाथरस हादसे के बाद साकार विश्व हरि के खिलाफ उसके अनुयायियों का गुस्सा फूट रहा है। अनुयायियों ने आरोप लगाया कि चार दिन बाद भी किसी मृतक के स्वजन या घायल का हाल नहीं जाना। वहीं उन्होंने कहा कि वह अब अपने परिवार के किसी सदस्य को विश्व हरि के सत्संग में नहीं जाने देंगे। अनुयायियों ने मामले की जांच की मांग की है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 06 Jul 2024 02:31 AM (IST)
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हाथरस हादसे में पत्नी मंजू व बेटे पंकज को खोने वाले छोटेलाल परिवार के सदस्यों के साथ। जागरण

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। अनुयायियों के बीच सूरजपाल (साकार विश्व हरि) स्वयं को ‘परमात्मा बताते हैं। सत्संग में हर पल साथ रहने की बात कहते हैं। दुख की घड़ी में एक-दूसरे का साथ निभाने की सीख देते हैं, मगर जब अनुयायियों पर मुसीबत आई तो खुद सारी मानवता और इंसानियत भूल गए। 

भगदड़ में उन्हें ईश्वर मानने वाले अनुयायी मर रहे थे, मगर साकार विश्व हरि ने किसी की चिंता नहीं की। एक बार पलट कर नहीं देखा। चार दिन बाद भी किसी मृतक के स्वजन या घायल का हाल नहीं जाना। ऐसा व्यक्ति भगवान नहीं हो सकता, यह तो धोखेबाजी है। ढोंग है। अब परिवार से किसी को भी उनके सत्संग में नहीं जाने देंगे। 

यह कहते हुए पिलखना के छोटेलाल की आंख भर आईं। उन्होंने सत्संग के बाद मची भगदड़ में अपनी पत्नी मंजू देवी और इकलौते छह वर्षीय पुत्र पंकज को खोया है। 

मोहल्ले में 50 से अधिक परिवार अनुयायी

दो जुलाई को सिदंराराऊ क्षेत्र में साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें चार मृतक पिलखना नगर पंचायत के फरहान मोहल्ले के थे। अनुसूचित जाति वर्ग बाहुल्य इस मोहल्ले में 50 से अधिक परिवार साकार विश्व हरि के अनुयायी हैं। 

देश के अलग-अलग शहरों में होने वाले सत्संगों में यहां से लोग शामिल हुए हैं। मगर, घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी साकार विश्व हरि द्वारा कोई प्रतिक्रिया न देने पर अनुयायियों का गुस्सा फूटने लगा है। शुक्रवार को पिलखना कस्बे में लोगों ने जमकर भड़ास निकाली। 

मां को जाने से रोका था...

हादसे में मृतक शांति देवी, प्रेमवती देवी के बेटे अमित, विनोद, मुकेश कहते हैं कि उन्होंने कई बार अपनी मां को इस कार्यक्रम में जाने से रोका था, मगर मां भगवान की तरह साकार विश्व हरि को मानती थीं। वह कहती थीं कि प्रभु कुछ नहीं होने देंगे। वह इस बार तो अपने पौत्र पीयूष और हिमांशु को भी सत्संग में ले जाना चाहती थीं, मगर गर्मी के चलते बच्चों को नहीं भेजा था। 

अब हादसा हुए चार दिन बीत चुके हैं, मगर एक बार भी स्वयं का प्रभु बताने वाले साकार विश्व हरि ने किसी भी पीड़ित का हाल नहीं लिया है। अब वह अपने भक्तों से प्रेम करते थे तो उन्होंने घटनास्थल पर ही रुकना चाहिए था। वह कहते हैं कि घटना से उन्हें बहुत बड़ा सबक मिला है। जिस सत्संग ने उनकी मां को छीन लिया हो, वह उसमें कभी नहीं जाएंगे।

जांच कर साकार विश्व हरि पर भी हो कार्रवाई

मृतक शांति देवी के पुत्र जितेंद्र कहते हैं कि अगर साकार विश्व हरि चाहते तो यह हादसा नहीं होता। घटना के दौरान उन्हें वहां से जाना नहीं चाहिए था। भीड़ अधिक होने पर प्रशासन की मदद लेनी चाहिए थी, मगर वह पंडाल में किसी भी खाकी वर्दी वाले को घुसने भी नहीं देते थे।

मोबाइल फोन भी बंद करवा लेते थे। अगर अंदर पुलिस होती तो भगदड़ नहीं होती। ऐसे में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। अगर इस हादसे में साकार विश्व हरि भी शामिल हैं तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर भी कार्रवाई हो।

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