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राहुल गांधी के घर न आने पर पीड़ित एक परिवार में कसक, मृतक की बेटियां बोलीं- घर आकर सुननी चाहिए थी बात

हाथरस में सत्‍संग के बाद हुई भगदड़ की घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में अलीगढ़ के पिलखना के भी लोग शामि‍ल थे। इसमें एक परिवार के दो लोग (मां-बेटा) व अन्य दो परिवार के एक-एक महिलाएं शामिल थीं। शुक्रवार को राहुल गांधी सबसे पहले दो मृत्यु वाले परिवार में पहुंचे। यहां पर पीड़ित परिवार से बात की।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 05 Jul 2024 09:43 AM (IST)
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हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के पर‍िजनों से म‍िलते राहुल गांधी।- सोशल मीड‍िया
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। हाथरस हादसे में जिले के पिलखना में चार लोगों की मौत हो गईं थी। इसमें एक परिवार के दो लोग (मां-बेटा) व अन्य दो परिवार के एक-एक महिलाएं शामिल थीं। शुक्रवार को राहुल गांधी सबसे पहले दो मृत्यु वाले परिवार में पहुंचे। यहां पर पीड़ित परिवार से बात की। मृतक मंजू के पति व पंकज के पिता छोटेलाल से बात की। इसके बाद वह मृतक प्रेमा देवी के घर पहुंचे। यहां पर लोगों से बात की। गांव की अन्य चौथी मृतक शांति देवी के पति विजय सिंह व पुत्र जितेंद्र को भी यहीं बुला लिया। इससे शांति देवी की बेटियां नाराज हैं।

उनका कहना है कि मृत्यु उनके परिवार में हुई है। उनकी मां की मृत्यु हुई है, लेक‍िन राहुल गांधी उनके घर नहीं आए। उनके पिता व भाई को दूसरे मृतक के घर ही बुला लिया, जबकि पूरा परिवार रात से ही राहुल गांधी की प्रतीक्षा में था। हम अपनी पीड़ा उनसे साझा करना चाहते थे।

छह सेवादार गिरफ्तार, फरार मुख्य आयोजक पर एक लाख का इनाम

सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में तीसरे दिन पुलि‍स एक्शन में आई। पुल‍िस न दो महिलाओं सहित छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। कुल 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

नारायण साकार को अभी आरोपी नहीं मान रही पुल‍िस

पुलिस अभी सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) को आरोपित नहीं मान रही। जांच में करीब 200 मोबाइल नंबर पुलिस के रडार पर हैं। कुछ नंबरों पर घटना वाले दिन भोले बाबा की बात हुई थी। आयोजन स्थल पर लगे बोर्ड पर 72 आयोजकों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश फरार हैं। भीड़ रोकने, धकेलने और साक्ष्य छुपाने का प्रयास करने वाले सेवादारों को भी चिह्नित किया जा रहा है।

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