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अलीगढ़ में हेल्थ वेलनेस सेंटर की होगी शुरूआत, लोगों को होंगे खास फायदे, डीएम ने की पहल

डीएम ने कहा कि Health Wellness Center की सुविधा स्वास्थ्य विभाग में मिल का पत्थर साबित होंगी। अब जिले में इनके बेहतर संचालन की जरूरत है। डीएम ने कहा कि सभी सीएचओ की तैनाती इसलिए की गई है कि सभी को उचित इलाज मिल सके।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Wed, 16 Nov 2022 08:19 PM (IST)
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डीएम ने एमओआइसी को निर्देशित किया कि बेहतर काम करने वाले सीएचओ को प्रोत्साहित किया जाए।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बुधवार को पहली बार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में खोले गए हेल्थ वेलनेस सेंटर के सफल संचालन के लिए कलक्ट्रेट में सीएचओ से संवाद किया। सीएमओ डा. नीरज त्यागी ने बताया कि जिले में 384 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। इनमें से 288 को हेल्थ एवं वेलनेस सेटर के रूप में बदला जाना है। 150 इनमें से क्रियाशील हैं। सभी सेंटर पर आशा एवं एएनएम को तैनात कर दिया गया है।

लापरवाही की तो होगी कार्रवाई

डीएम ने कहा कि हेल्थ वेलनेस सेंटर की सुविधा स्वास्थ्य विभाग में मिल का पत्थर साबित होंगी। अब जिले में इनके बेहतर संचालन की जरूरत है। डीएम ने कहा कि सभी सीएचओ की तैनाती इसलिए की गई है कि सभी को उचित इलाज मिल सके। संविदा की सेवाएं कभी भी समाप्त की जा सकती हैं। ऐसे में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

डीएम ने सीएमओ को दिए Health Wellness Center खोलने के निर्देश 

सीएमओ ने बताया कि एक सेंटर पर 12 में से आठ प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। चार सेवाओं को प्रशिक्षण के बाद उपलब्ध कराया जाएगा। सीएचओ ने बताया कि चिकित्सकों से परामर्श के लिए की जाने वाली टेली कंसलटेशन काल अटेंड नहीं की जाती है, जबकि हर दिन दो काल का लक्ष्य निर्धारित है। डीएम ने सीएमओ को इस कार्य के लिए निर्देशित किया।

DM Indravikram Singh ने दिए सख्‍त निर्देश

डीएम ने सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को उसकी जरूरत के हिसाब से उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। संजीवनी एप का प्रयोग किया जाए। डीएम ने एमओआइसी को निर्देशित किया कि बेहतर काम करने वाले सीएचओ को प्रोत्साहित किया जाए। सीएचओ पूरी कर्तव्य निष्ठा से काम करें। एमओआईसी के साथ बैठक करें।

जीवन रक्षा के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र भी जरूरी

वाणिज्यिक (कामर्शियल) वाहनों में फिटनेस बेहद जरूरी है। फिटनेस प्रमाण आपको ये समझाने में मदद करता है कि आपके वाहन की हालत कैसी है? इसमें हेडलाइट, बाडी, ब्रेक, मिरर आदि की जांच-पड़ताल होती है। कामर्शियल वाहन की आठ वर्ष तक हर दो साल में फिटनेस जांच होती है। इसके बाद प्रत्येक वर्ष जांच होती है। इसको जरूर कराना चाहिए। मगर अक्सर लोग बिना फिटनेस के ही वाहनों को दौड़ाते हैं। वर्तमान में फिटनेस के लिए आपको आनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद एक तिथि मिलती है। उसी दिन जांच के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाता है।

रोजाना औसतन 20 वाहनों की फिटनेस होती है। अपनी कार की नियमित जांच कराएं। इंजन आयल, आयल फिल्टर, फ्यूल फिल्टर, एयर फिल्टर, गियर आयल, कूलेंट, बैटरी वाटर, इग्नीशन मीटर में कोई इंडीकेटर तो नहीं आ रहा है। इसका अर्थ है कि गाड़ी में कहीं एरर है। एजेंसी में मशीन से यह एरर पता चल जाता है। टायर की अवधि भी ध्यान रखनी चाहिए। अधिकृत एजेंसी पर टायरों की जांच करानी चाहिए। चार पहिया वाहन में वही टायर डालना चाहिए जो निर्माता कंपनी द्वारा अधिकृत किया गया है। मानक से इतर टायर डालने पर उसके फटने व गाड़ी पलटने की आशंका रहती है।

- फरीदउद्दीन, आरटीओ (प्रवर्तन)

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