श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु Aligarh News
संकल्प एवं कपट रहित होने पर प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। क्योंकि भगवान प्रेम के अधीन है। जिस प्रकार मां अपने बच्चे की हर तरह से सुरक्षा करती है। उसी प्रकार भगवान अपने भक्त की रक्षा करते हैं। भगवान को कहीं खोजने जाने की आवश्यकता नहीं है।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Fri, 09 Apr 2021 03:59 PM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। प्रत्येक जीव परमात्मा का अंश है। जीव के अंदर अपार शक्ति है। यदि कोई कमी है तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने पर प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। क्योंकि भगवान प्रेम के अधीन है। जिस प्रकार मां अपने बच्चे की हर तरह से सुरक्षा करती है। उसी प्रकार भगवान अपने भक्त की रक्षा करते हैं। भगवान को कहीं खोजने जाने की आवश्यकता नहीं है। ज्ञानीजन ईश्वर को खोजते हैं और भक्त भगवान को प्रेम के बंधन में बांध लेते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की झांकी के दर्शन कराए भक्ति सच्ची हो तो भगवान स्वयं भक्त के द्वार पर चलकर आते हैं। उक्त प्रवचन इगलास कस्बा के बनखंडी महादेव मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास विजय गोस्वामी ने कहे। उन्होंने आगे श्रीकृष्ण के मथुरा प्रस्थान, कंस वध, संदीपनी मुनि के आश्रम में विद्या ग्रहण, उद्धव गोपी संवाद एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जो भक्त कृष्ण-रुक्मिणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की झांकी के दर्शन कराए गए। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
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