अलीगढ़ में घातक स्थिति में पहुंचा Air Pollution, सांस के मरीजों की बढ़ी मुसीबत, बचाव को अपनाएं ये खास तरीका
दीपावली के बाद प्रदूषण बढ़ गया है। अपने शहर में प्रदूषण Pollution घातक स्थिति में पहुंच गया है। अहम बात यह है कि दीपोत्सव के उत्साह में वायु और ध्वनि प्रदूूूषण दोनों ही बढ़ गए। प्रदूषण शहर में सामान्य से चार गुना है
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 08:01 AM (IST)
अलीगढ़, संदीप सक्सेना। Diwali के बाद प्रदूषण बढ़ गया है। अपने शहर में Pollution प्रदूषण घातक स्थिति में पहुंच गया है। अहम बात यह है कि दीपोत्सव के उत्साह में वायु और ध्वनि प्रदूूूषण दोनों ही बढ़ गए। प्रदूषण शहर में सामान्य से चार गुना है। इसके सांस के मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है।
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Diwali पर सामान्य से चार घुना अधिक बढ़ा प्रदूषण
Diwali पर उत्साह स्वाभाविक है। यह हमारी प्राचीन परंपराओं का त्योहार है। सनातन सांस्कृतिक विरासत भी संजोये हुए है। हमें इसके जोश के बीच सेहत का भी ध्यान रखना है। खासकर त्योहार के दौरान, क्योंकि पिछले 18 अक्टूबर से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ गया है। ये सामान्य से दो गुना से भी अधिक घातक स्थिति में पहुंच गया है। रविवार को air pollution वायु प्रदूषण बेहद घातक स्थिति में पहुंच गया। यह 333 माइक्रो ग्राम पर मीटर क्यू आया है। यह सामान्य से यह चार गुना अधिक है।
Noise Pollution भी बढ़ा
ध्वनि प्रदूषण आवासीय क्षेत्र में 70 से 80 डेसीबल रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्श (आइक्यू) न्यूनतम से 43 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक हो गया है। इसे लेकर हमें गंभीर होना होगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु व ध्वनि प्रदूषण Noise Pollution की नियमित निगरानी की जा रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण मापने के निर्देश दिए हैं। जिसकी रिपोर्ट केंद्रीय व प्रदेश बोर्ड को की जा रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बच्चों को हो सकती है अधिक परेशानी
दीवाली पर हर साल Noise Pollution व वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। दीवाली पर तीन साल पहले तो पीएम -10 (पार्टिकुलेट मेटर) आसमां में बेहद घातक स्थिति में पहुंच गया था। नाइट्रोजन डाइआक्साइड व सल्फर डाइआक्साइड और कार्बन मोनो आक्साइड उत्सार्जन के माप से कई गुना तक बढ़ गया था। इसके चलते दीवाली के बाद जब स्कूल खुले तो air pollution वायु प्रदूषण के चलते पहली बार स्कूलों में अवकाश करने के सरकार ने निर्देश दिए थे। वायु प्रदूषण के पिछले दिनों घरेलू (इनडोर) व बाहरी (आउटडोर) प्रदूषण सामान्य रहा था।सामान्य से खतरे की ओर बढ़ता वायु प्रदूषण
एयर क्वालिटी इंडेक्श का सामान्य मापक 100 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक है। इसके बाद अगर यह बढ़ता है तो वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने आवासीय क्षेत्र ज्ञान सरोवर में पीएम -10 के मापने के लिए मैन्युअल सैंपलर मशीन से सैंपल कराया। यहां से निगरानी की जा रही है। एएमयू सहित अन्य स्थानों पर भी पीएम -10 मापन यंत्र लगाया गया है।Air pollution से सांस के मरीजों को परेशानी
संभावित स्वास्थ्य पर प्रभार के लिए प्रदूषण बोर्ड ने आइक्यू की गाइड लाइन तय कर रखी हैं। 0.50 आइक्यू अगर है तो वह अच्छी गुणवत्ता में है। यह ग्रीन श्रेणी में आता है। अगर यह 51 से 100 श्रेणी में होता है, तो यह तोतई कलर की श्रेणी में माना जाएगा। इसका असर पहले से बीमार व्यक्तियों पर देखने को मिलेगा। उन्हें सांस लेने में परेशानी होगी। 101 से 200 तक यह चेतावनी का प्रतीक येलो कलर की श्रेणी में होगा।Air pollution का फैफड़ों पर पड़ता है असर
इसका असर फैफड़ों पर पड़ता है। सांस के मरीजों को दिक्कत होती है। 201 से 300 तक यह बेहद खराब स्थिति पैदा कर देता है। यह ओरेंज श्रेणी में आता है। इसका असर आम आदमी के स्वस्थ्य पर पड़ेगा। 301 से 400 का आइक्यू बेहद घात स्थिति में पहुंच जाती है। यह रेड श्रेणी में आता है। इसका असर आम आदमी की सेहत पर पड़ता है। 401 से 500 आइक्यू डार्क रेड की श्रेणी में आता है। इससे राहगीरों की आंखों में असर पड़ेगा।यह हो सकती है परेशानी
- - फेफड़ों में इन्फेक्शन
- - लगातार छींके आना
- - नाक से पानी बहना
- - सांस लेने में दिक्कत
- - आंखों में जलन और खुजली
- - सिरदर्द
सांस के मरीज ऐसे करें बचाव
- कार्बन फिल्टर वाले मास्क पहनें
- विटामिन सी वाले फ्रूट्स खाएं
- खाने में चना-गुड़ को शामिल करें
- घर में एयर प्यूरिफाइंग प्लांट्स लगाएं