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Life Safety Jacket : जवानों की रक्षा के लिए ‘देसी सुरक्षा कवच’ तैयार, अब भारत से खरीदेंगे यूरोपीय देश

Safety Jacket in Aligarh यह जैकेट 9-एमएम कारतूस से लेकर एके-47 तक के कारतूस को निष्क्रिय करने में सक्षम है। वजन में हल्की होने के कारण जवान इसको पहनकर आसानी से मूवमेंट कर सकेंगे। विदेश से आने वाली जैकेट लगभ 35 किलोग्राम वजन की होती है। इसके मुकाबले भारत में बनी जैकेट 15 से 18 किलो वजन की है।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 21 Jul 2024 06:04 PM (IST)
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पांच से सात परतों की जैकेट हल्की व सस्ती भी, बाहरी देशों पर निर्भरता खत्म

गौरव दुबे, अलीगढ़। देश के सुरक्षा बल में शामिल जवान अपनी धरती पर दुश्मनों के कदम पड़ते ही उनके सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं। उनकी सुरक्षा को अब ‘देसी सुरक्षा कवच’ मजबूत करेगा। इसके लिए ‘बैलेस्टिक प्रोटेक्शन ड्रेस’ के नाम से जैकेट डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर अलीगढ़ नोड में तैयार की जा रही है।

मेक इन इंडिया के तहत बन रही इस जैकेट की खूबी ये है कि विदेशी जैकेट के मुकाबले अधिक सुरक्षित है। लगभग आधे वजन की है। मूल्य भी 20 से 25 प्रतिशत कम है। कमर के ऊपर दोनों साइड को भी पूरी तरह बचाने में सक्षम है, जबकि विदेशी जैकेट में ये खूबियां नहीं हैं। अभी जैकेट इस्राइल, अमेरिका, रूस, फ्रांस आदि देशों से खरीदी जा रही थी। मगर, अब यूरोपीय देश इसको खरीदने के लिए भारत से संपर्क में हैं।

2023 में अलीगढ़ में शुरू हुआ काम

भारत सरकार से करार के बाद वर्ष 2023 में ये अलीगढ़ की एलन एंड एलवन डिफेंस एंड एरियोस्पेस कंपनी में इस बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट पर काम शुरू हुआ। पिछले महीने केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ आई सिक्योरिटी फोर्स की टीम ने इसका डेमो भी लिया है। इसमें ये उम्मीदों पर शत-प्रतिशत खरी उतरी है। इसके बाद सैकड़ों पीस पर काम किया जा रहा है। विदेश से आने वाली बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट कैबलियर सामग्री से तैयार होती है।

बनाई गईं हैं 7 परतें

अलीगढ़ में बन रही जैकेट एडवांस मैटीरियल से तैयार हो रही है। शुरुआती चरण में तैयार जैकेटों में कारतूसों को रोकने के लिए सात परतें बनाई गई हैं। भविष्य में ये मल्टीपल लेयर (कई परतों) वाली भी बनेंगी। छाती, गला, गर्दन, पेट सामने से सुरक्षित करने साथ दोनों साइड से भी सुरक्षा का प्रविधान इसमें किया गया है।

यूरोपीय देश देख रहे भारत की ओर

विदेश से आने वाली जैकेट लगभग एक से 1.25 लाख रुपये की पड़ती है। मगर देश में तैयार होने वाली ये जैकेट इससे 20 से 25 प्रतिशत सस्ती व बेहतर है। इसके चलते यूरोपीय देश जैसे इटली, बेल्जियम, रूस, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, रोमानिया, इटली, स्वीडन, फिनलैंड आदि भारत से ये जैकेट लेने के लिए आतुर हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी।

भारत सरकार से करार के बाद बैलेस्टिक प्रोटेक्शन ड्रेस बनाई गई हैं। 9-एमएम व एके-47 के कारतूस रोकने की उच्च क्षमता, वजन व मूल्य में कमी इसको विशेष बनाती हैं। डेमो भी हो चुका है। आयात के लिए यूरोपीय देश भारत की ओर निगाह किए हैं।

-धनजीत वाड्रा, एमडी, एलन एंड एलवन डिफेंस एंड एरियोस्पेस, अलीगढ़

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