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महंगाई की मार : कच्चे माल की बढ़ी कीमत व भाड़े में वृद्धि से रोकी उद्योगों की रफ्तार

पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढने से अन्‍य सामग्रियों में भी महंगाई का असर देखा जा रहा है। कई उत्‍पाद तो 10 से 15 फीसद तक महंगे हो गए हैं। इससे महंगे उत्‍पाद की मांग बाजार में घट गयी है। महंगाई से आइसक्रीम निर्माता रेस्‍टोरेंट सहित छोटे उद्यमी परेशान हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Mon, 25 Apr 2022 01:17 PM (IST)
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महंगाई ने घरों के साथ ही कारोबारियों का भी बजट बिगाड़ दिया है।

आकाश राज सिंह, हाथरस । महंगाई ने घरों के साथ ही कारोबारियों का भी बजट बिगाड़ दिया है। कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि होने से उत्पाद की लागत बढ़ गई है। कई उत्पाद 10 से 15 फीसद तक महंगे हो गए हैं। महंगे उत्पादों की बाजार में मांग घट गई है। ग्राहकों पर पकड़ बनाए रखने के लिए कुछ उत्पादों की कीमतें स्थिर रखने के लिए व्यापारी मजबूर हैं। महंगाई से आइसक्रीम निर्माता, रेस्टोरेंट सहित छोटे उद्यमी भी परेशान हैं।

नुकसान झेल रहे व्यवसाई 

महंगाई पर लगाम लगाना मुश्किल होता जा रहा है। पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होने से भाड़ा बढ़ गया है। इसका सीधा असर व्यवसाय पर पड़ रहा है। कर्ज सस्ता होने से ही व्यापारियों को राहत नहीं मिलेगी। हार्डवेयर के व्यवसाय करने वालों के मुताबिक पिछले तीन साल में कच्चे माल पर 15 फीसद तक मंहगाई बढ़ी है। इससे तैयार माल पर मुनाफा नहीं बढऩे से व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।

-विपुल लुहाडिय़ा, हार्डवेयर व्यवसाई

दो साल में तीन सौ रुपये प्रति क्‍विंटल महंगा हुआ कांच

चूड़ी उद्योग की कमर इस महंगाई ने तोड़ दी है। इसमें कच्चे माल के रूप में कांच व लकड़ी का प्रयोग होता है। तीन साल में कांच की कीमत 1450 रुपये से 1750 रुपये तक पहुंच गया है। वहीं लकड़ी की कीमत भी चार सौ से छह सौ रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल हो गया है। फिर भी तैयार माल पर मुनाफा नहीं बढ़ा। इसे बढ़ाने की बात पर माल रोक दिया जाता है। मुनाफा 60 फीसद तक कम हो गया है।

-आसिफ अली, लघु उद्यमी

30 फीसद रह गया मुनाफा

मंहगाई के दौर में जनता से लेकर उद्यमियों तक कोई अछूता नहीं है। होटल में खानपान के उत्पाद तैयार करने वाले कच्चे माल का प्रयोग होता है। इसमें रिफाइंड 110 से 165 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। वहीं आटा, मैदा, चना, मसाले सब पर 10 से 15 फीसद तक कीमतें बढ़ गई हैं। इससे डोसा सहित कुछ वस्तुओं की कीमत बढ़ी है तो कुछ ही स्थिर रखी हैं। मुनाफा 30 फीसद ही रह गया है।

-चंदर अरोरा, होटल संचालक

ग्राहकी बनाए रखने को नहीं बढ़ाए दाम

भाड़ा बढऩे से कच्चे माल की कीमतों में उछाल आया है। यूक्रेन युद्ध का हवाला देकर विदेशों से आने वाले उत्पादों की ऊंची कीमत ली जा रही है। रेस्तरां में तैयार होने वाले उत्पादों पर लागत बढ़ गई है। इसके बाद भी पिज्जा, बर्गर व सैंडविच पर ही दस फीसद कीमत बढ़ाई हैं। पाश्ता, चाउमीन सहित अन्य उत्पादों की कीमत पहले की तरह रखी हैं। ग्राहक बनाए रखने के लिए मुनाफा कम करना पड़ गया है।

- नीरज शर्मा, पिज्जा हट संचालक

मुश्किल से निकल रही लागत

दोना-पत्तल बनाने का कार्य बहुत अच्छा चल रहा था। अब महंगाई से सारा बजट ही बिगड़ गया है। लकड़ी, पत्ते, गत्ता सहित सभी कच्चे माल पर 15 से 20 फीसद तक महंगे हो गए हैं। कारीगरों की मजदूरी भी बढ़ गई है। बाजार में इन उत्पादों की कीमत में कोई इजाफा नहीं हुआ है। दुकानदार भी महंगाई का रोना रोकर पुरानी कीमत पर ही माल खरीद रहे हैं। इससे लागत भी मुश्किल से निकल रही है।

-पुष्पेंद्र, दोना-पत्तल कारोबारी

रसोई गैस से प्रभावित हो रहा कारोबार

महंगाई का असर खान-पान पर भी पड़ रहा है। मैदा, आलू, रिफाइंड सब महंगे हो गए हैं। तीन साल रसोई गैस के व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतें तीन सौ रुपये प्रति सिलेंडर तक बढ़ गई है। जो समोसा, दस रुपये का था उसे 12 रुपये में बेचना पड़ रहा है। इसमें भी ग्राहक किच-किच करते हैं। बिक्री भी कम हो गई है। इससे मुनाफा तो दूर कभी-कभी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है।

- संजू गुप्ता, खान-पान विक्रेता

बिक्री बढ़ाने को स्थिर रखी कीमतें

गर्मी के मौसम में आइसक्रीम की मांग बढ़ जाती है। मुनाफा कमाने का यही सीजन होता है। महंगाई का असर इस व्यवसाय पर पड़ रहा है। इसके लिए पहले कई कारीगर लगाने पड़ते थे। अब दो-चार कारीगरों से काम चलाना पड़ रहा है। दूध, ड्राइफ्रूड, क्रीम, दही व फ्लेवर सहित सभी पर 20 फीसद तक महंगे हो गए हैं। कीमतों में मामूली वृद्धि कर मुनाफा कम करना पड़ गया है।

- आकाश गुप्ता, आइसक्रीम पार्लर संचालक

इस तरह महंगे हुए खाद्य पदार्थ

उत्पाद, वर्ष 2020, 2021, 2022

पीजा, 59, 69, 72

बर्गर, 39, 45, 49

सैंडविच, 40, 45, 50

कच्चे माल बढ़ीं कीमतें

कच्चा माल, वर्ष 2020, 2021, 2022

रिफाइंड, 80, 120, 165

मैदा, 22, 25, 29

नींबू, 100, 150, 300

मक्खन, 350, 400, 500

(कीमत रुपये प्रति किलो)

वटर आयल प्रति 250 एमएल, 115, 130, 150

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