Sri Krishna Janmashtami 2022 : आधी रात जन्मे कन्हाई, खुशी से झूम उठी ब्रज की देहरी हाथरस
Sri Krishna Janmashtami 2022 शुक्रवार की रात बारह बजते ही कान्हा के जन्म पर मंदिरों में घंटा घड़ियाल बजने लगे। ब्रज की देहरी हाथरस में चारों ओर जय कन्हैया लाल की की गूंज सुनाई देने लगी। घरों में कान्हा का दूध व दही से अभिषेक किया गया।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2022 07:47 AM (IST)
हाथरस, जागरण संवाददाता। Sri Krishna Janmashtami 2022 : शुक्रवार की रात बारह बजते ही मंदिरों में घंटे घड़ियाल बज उठे। चारों ओर Jai Kanhaiyalal के जयकारे गूंजने लगे। पूरा जिला अजन्मे के जन्म की खुशी में झूम उठा। घरों में कान्हा का दूध-दही से अभिषेक किया गया। भजन-कीर्तन सुबह तक चला। शहर से लेकर देहात तक गली व मोहल्लों में शाम से ही हिंडोले सजाकर डीजे पर भक्ति धुनें बजने लगी थीं। Nandotsav शनिवार को मनाया जाएगा।
हाथरस में उत्साह देखने लायक : shri krishna janmashtami को लेकर ब्रज की देहरी हाथरस में उत्साह देखते ही बन रहा था। सुबह से ही व्रत रखकर भगवान की पूजा की गई। घरों में पर्व के लिए तैयारियां शुरू हो गई थीं। शहर की Jain Gali, Holi Gali, Bangle Wali, Kaujdan Gali, Hanuman Gali, Gali Bakhtawar, Nayaganj सहित सभी गली-मोहल्लों में झंडियों, गुब्बारों व रंगीन रोशनी से सजावट की गई। चौकी रखकर जगह-जगह हिंडोले सजाए गए। डीजे लगाकर उनपर भक्ति की धुनें गूंजने लगी थीं।
भव्यता से सजाए गए राधाकृष्ण के मंदिर : जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसके लिए शहर में किला स्थित Shri Dauji Maharaj Temple, Govind Bhagwan Temple, Ramdarbar Temple, Girraj Ji Maharaj Temple in Khatikhana, Dauji Temple, Thakur Kanhaiya Ji Maharaj, Ramdarbar Temple, Navagraha Temple, Dakshin Mukhi Hanumanji Temple, Ladli Gopal Temple, Banke Bihari Temple at Bhurapir को भव्यता से सजाया गया था। सभी मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही।
गूंजे जय कन्हैयालाल की : शाम होते ही घर व मंदिर रंगीन रोशनी से जगमगाने लगे। मंदिरों में डीजे की धुन पर भक्ति की धुनें बज रही थीं। कहीं-कहीं रामायण पाठ व भागवत कथा का दौर चल रहा था। रात के बाहर बजते ही चारों ओर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की, जयकारे गूंजने लगे। चारों तरफ मंदिरों व घरों में भजन कीर्तन का दौर भी चलता रहा। रात बारह बजते ही घंटे घडि़याल गूंजने लगे।
दूध व दही से बालकृष्ण का अभिषेक : अजन्मे का जन्म होते ही चारों ओर जय जयकार शुरू हो गई। इसकी खुशी में की गई आतिशबाजी से आसमान जगमगाने लगे। बालकृष्ण का दूध, दही से अभिषेक किया गया। पंचामृत से स्थान, पूजन, आरती का दौर चला। सभी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर नजर आए। जगह-जगह बालकृष्ण की झांकियां सजाई गईं। उन्हें हिंडोले में बिठाकर झुलाया गया।
इंटरनेट मीडिया पर चला बधाई का दौर : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर युवाओं में भी विशेष उत्साह रहा। उन्होंने भगवान का अवतरण दिवस मनाने को कोई कमी नहीं रहने दी। कहीं केक काटकर तो कहीं उनके हिंडोले व चौकी सजाकर जन्मदिन मनाया। शाम से ही इंटरनेट मीडिया के वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम सहित कई प्लेटफार्म पर बधाइयों को दौर चलता रहा। सभी एक दूसरे को बधाई देकर खुशी मना रहे थे।
चालीस रुपये किलो बिका खीरा : जन्माष्टमी पर्व मनाने के लिए सुबह से ही खरीदारी की जा रही थी। खीरा की सबसे अधिक डिमांड रही। सुबह खीरा तीस रुपये किलो था तो शाम को 40 रुपये किलो बिका। अनार 140, सेब 100 से लेकर दो सौ रुपये किलो तक बिका। बाजारों में फूलों की दुकानों पर भी भीड़ लगी रही। दस रुपये से लेकर पचास रुपये तक की माला बिकी। गेंदा व गुलाब के फूलों की माला भी महंगी रही।
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