Ayodhya Ram Mandir: राम काज को अयोध्या गए नीरज फिर नहीं लौटे, कार सेवक की दूसरी पीढ़ी में सिर्फ रह गई यादें, नहीं मिला सम्मान
नीरज अग्रवाल अक्टूबर 1990 के तीसरे सप्ताह में दर्जनों कारसेवकों के साथ रेल मार्ग से अयोध्या गए थे। लेकिन लौटकर नहीं आए। उनकी तस्वीर इंडिया टुडे में प्रकाशित हुई थी। उस फोटो को लेकर स्वजन काफी तलाशते रहे लेकिन कुछ पता नहीं लगा l दादा दादी की मौत हो गई। अब दूसरी पीढ़ी में सिर्फ रह गई यादें सम्मान नहीं मिलने से नाराजगी
संवाद सहयोगी, फिरोजाबाद। बच्चा-बच्चा राम का जन्मभूमि के काम का...,नारे से उत्साहित देश के हजारों युवा अयोध्या पहुंचे थे। इनमें कुछ युवा अपने घर नहीं लौट सके। इन्हीं में से एक थे फिरोजाबाद निवासी 23 वर्षीय युवा नीरज अग्रवाल। उनकी प्रतीक्षा करते-करते पिता, मां और छोटे भाई का देहांत हो गया। दूसरी पीढ़ी में सिर्फ इनकी यादें ही रह गई हैं।
तेल मिल कंपाउंड निवासी नीरज अग्रवाल अक्टूबर 1990 के तीसरे सप्ताह में दर्जनों कारसेवकों के साथ रेल मार्ग से अयोध्या गए थे। उनके भतीजे शिवम अग्रवाल ने बताया कि हमारे दादा वीरेंद्र कुमार अग्रवाल और दादी अवधेश अग्रवाल बताती थीं, ताऊजी कार सेवा करने के लिए गए थे। इसके बाद वे लौटकर नहीं आए।
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दादा और दादी का हुआ देहांत
उस समय इंडिया टुडे पत्रिका में अन्य कारसेवकों के साथ उनकी फोटो प्रकाशित हुई थी। प्रतीक्षा करते-करते वर्ष 2010 में दादा और 2013 में दादी का देहांत हो गया। वहीं, 2019 में शिवम के पिता धीरज अग्रवाल का भी बीमारी के चलते निधन हो गया। अब परिवार में मां शालिनी अग्रवाल, भाई अभिषेक अग्रवाल, कन्हैया अग्रवाल हैं।
दादा, दादी और मेरे पिता का सपना था कि ताऊजी के नाम से शहर में किसी जगह का नामकरण किया जाए, लेकिन यह अभी तक अधूरा है।
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