Lockdown 2: अब मरीज को ऐसे मिलेगा JN Medical के ट्रॉमा सेंटर में प्रवेश, बदली व्यवस्था Aligarh news
कोरोना संक्रमित मरीज के सीधे ट्रॉमा सेंटर में घुसने पर जिला प्रशासन के निशाने पर आए जेएन मेडिकल कॉलेज ने व्यवस्था बदल दी है। ट्रॉमा सेंटर में मरीज सीधे नहीं जाएगा।
By Sandeep SaxenaEdited By: Updated: Wed, 22 Apr 2020 01:19 PM (IST)
अलीगढ़ [जेएनएन]: कोरोना संक्रमित मरीज के सीधे ट्रॉमा सेंटर में घुसने पर जिला प्रशासन के निशाने पर आए जेएन मेडिकल कॉलेज ने व्यवस्था बदल दी है। ट्रॉमा सेंटर में मरीज सीधे नहीं जाएगा। गेट पर उसे डॉक्टरों का सामना करना होगा, जो पीपीई किट में तैनात होंगे। शक होने पर मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जाएगा। कॉलेज पल-पल की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भी देगा।
अब चेता जेएन मेडिकल प्रशासनरविवार दोपहर उस्मानपाड़ा का मरीज सीधे ट्रॉमा सेंटर में पेश कर गया था। जो पॉजिटिव पाया गया। मंगलवार को मौत हो गई। बिना पड़ताल के मरीज के सेंटर में घुसने पर मेडिकल कॉलेज की फजीहत हुई है। इसके बाद व्यवस्था बदली गई है।
अब एमएएस में रोजाना 200 रोगियों की ही जांचएएमयू के मेडिकल अटेंडेंट स्कीम (एमएएस) में इलाज के लिए आने वाले रोगियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है। निदेशक प्रो. हम्माद उस्मानी ने बताया कि अब एमएएस में रोज 200 रोगियों को ही देखा जाएगा। 200 रोगियों के पंजीकरण के बाद आने वाले रोगी अगले कार्यदिवस में देखे जाएंगे। बुखार, फ्लू, खांसी और जुकाम के मरीजों का पहले से ही इसमें इलाज नहीं हो रहा है। ऐसे रोगियों को मेडिकल कॉलेज की फीवर ओपीडी में जाने की सलाह दी जाती है। एमएएस में हृदय रोग, डायबिटीज व अन्य जटिल रोगियों को देखा जाएगा।
सुबह-शाम भेजेंगे रिपोर्ट : प्रो. किदवई एएमयू प्रवक्ता प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब सीधे मरीज अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड व इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की सूचना जिला प्रशासन को हर रोज सुबह आठ व शाम छह बजे दी जाएगी। जिला प्रशासन के नोटिस का जवाब भी भेजा जाएगा।
चार बिंदुओं पर सूचनामेडिकल कॉलेज को चार बिंदुओं पर जिला प्रशासन को सूचना देनी होगी। सीडीओ अनुनय झा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में किसी भी व्यक्ति के संक्रमित मिलने पर तत्काल सूचना जिला प्रशासन को देनी होगी, ताकि उससे जुड़े लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके। खांसी, जुकाम व सर्दी का मरीज आता है तो उसकी जानकारी देनी होगी। प्रतिदिन कितनी जांच हो रही हैं, रिपोर्ट क्या आ रही हैं, इसकी जानकारी देनी होगी। दूसरे जिलों से कोई मरीज आता है तो उसका भी ब्योरा देना होगा।
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