'ट्रेन में जनरल कोच कम...' मैग्सेसे पुरस्कार विजेता ने बताई चौंकाने वाली बात; ऑनलाइन हाजिरी पर भी क्लियर कट बोले
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे ने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के लिए सुझाव दिया कि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं। उन्होंने ट्रेनों में स्लीपर और जनरल कोच कम होने का मुद्दा भी उठाया। यह भी कहा कि इलेक्ट्रोरल बांड 16 हजार करोड़ रुपये बड़ा घोटाला है ।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पांडे ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणवत्ता सीसीटीवी कैमरे लगाने और बायोमीट्रिक हाजिरी से नहीं बल्कि हाईकोर्ट के आदेश से सुधरेगी। आदेश में कहा गया था कि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं।
शिक्षकों से चुनाव संबंधी या अन्य कार्य लिए जा रहे हैं, ये बंद होने चाहिए। इसके लिए गांव स्तर पर मनरेगा योजना में शिक्षित बेरोजगारों को शामिल कर उन्हें 100 दिन का मानदेय देकर ये अतिरिक्त कार्य कराए जाएं। इससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा और शिक्षक अपने पढ़ाई के कार्य को ईमानदारी से कर पाएंगे।
मंगलवार को एएमयू में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोरल बांड 16 हजार करोड़ रुपये बड़ा घोटाला है।
इस बांड के तहत ईडी और सीबीआइ का इस्तेमाल कर जो चंदा लिया गया है। उसका ब्योरा अभी तक जब्त नहीं किया गया। इसकी ईमानदारी से जांच की जानी चाहिए। रेलवे में अव्यवस्था पर कहा कि ट्रेनों में स्लीपर और जनरल कोच कम किए जा रहे हैं और एसी कोच बढ़ाए जा रहे हैं। इसके विरोध में वे 24 जुलाई को लखनऊ में चारबाग स्टेशन पर धरना देंगे। उन्होंने बताया कि एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून पर सावरकर से जोड़ते हुए टिप्पणी करने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है।
आरटीआइ कार्यकर्ता के मामले मुख्य सचिव से मिलेंगे
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