मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय बोले एएमयू और जामिया की हिंसा में भाजपा व आरएसएस का हाथ Aligarh news
मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय ने कहा कि एएमयू न जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्र शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। छात्र हिंसा कर ही नहीं सकते।
By Sandeep SaxenaEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 12:41 PM (IST)
अलीगढ़ [जेएनएन] मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय ने कहा कि एएमयू न जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्र शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। छात्र ङ्क्षहसा कर ही नहीं सकते। एएमयू व जामिया में छात्रों ने नहीं, पुलिस ने ङ्क्षहसा की है। भाजपा व आरएसएस का भी इसमें हाथ है। सत्ता में ऐसे लोग बैठे हैं, जिनका आजादी में कोई योगदान नहीं है। इन्हें पार्लियामेंट से बाहर करना होगा।
धरना जारी है एएमयू में सीएए के विरोध में अभी भी धरना जारी है। शाम को छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला, जिसमें संदीप पांडेय भी शामिल हुए। इससे पहले संदीप ने जेएन मेडिकल कॉलेज में आरडीए की ओर से सीएए के विरोध में हुए कार्यक्रम में भाग लिया। बाबे सैयद पर छात्रों को संबोधित करते हुए संदीप पांडेय ने कहा कि खुशी की बात है कि एएमयू व जामिया में नौजवान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। एएमयू व जामिया में जो भी ङ्क्षहसा हुई वो नकाब पहने लोगों ने की है। जिन्हें बीजेपी या आरएसएस के लोगों ने भेजा या फिर पुलिस ने ङ्क्षहसा की है। सभी को पता है कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे। जेल से रिहा होने के लिए उन्होंने अंग्रेजों से माफी भी मांगी। ये अंग्रेजों के गुलाम थे। इनकी सरकार व अंग्रेजों की सरकार में कोई अंतर नहीं। जो रोटी कमाने आ रहा है उससे खतरा है या विजय माल्या व नीरव मोदी जो पैसा लेकर भाग गए, उससे खतरा। धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। इसके सिवाय और राजनीति आती नहीं है। देश में जब भी आंदोलन हुए युवाओं ने कमान संभाली, सफल भी हुए हैं। इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लागू की तब जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में युवाओं ने ही कमान संभाली। सरकार तक गिर गई। छात्र नेता फैजुल हसन ने बताया कि शाम को छात्रों ने मुशायरे का भी आयोजन किया गया। सोमवार को सुबह 11 बजे कृषि संकाय से बाबे सैयद तक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी।
कुलपति दें इस्तीफा : प्रो. अर्शी आरडीए की ओर से मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम में संदीप पांडेय ने कहा कि मदन मोहन मालवीय कहते थे कि ङ्क्षहदुस्तान बिना हिंदू-मुसलमान के इसका अस्तित्व नहीं हो सकता, जो खुद संघ के कार्यकर्ता थे। प्रो. अर्शी खान ने कहा कि ऐसा कुलपति और प्रॉक्टर कहीं नहीं होंगे, जो अपने बच्चों को पुलिस से पिटवाते हों। दोनों को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। आरडीए अध्यक्ष डॉ. हमजा मलिक ने कहा कि जो लोग इस आंदोलन को दूसरी आजादी का रूप और नाम दे रहे हैं उनको आगे आना होगा।
अमुटा ने की बैठक स एए के विरोध में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) की ओर से स्टॉफ क्लब में बैठक की गई, जिसे सत्याग्रह का भी नाम दिया गया है। इसमें शिक्षक कॉफी पीते हुए नजर आए। बैठक में अधिवक्ता निजामुद्दीन पासा ने सीएए, एनसीआर व एनपीआर पर विचार रखे।
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