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एमबीबीएस डॉक्टरों को मिलेगी पैथोलॉजी लैब चलाने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमडी पैथोलॉजिस्ट के अभाव में अवैध घोषित हुईं जनपद की 150 से अधिक पैथोलॉजी लैबों को सरकार की अधिसूचना के आधार पर अनुमति देने की तैयारी हो गई है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Updated: Tue, 30 Apr 2019 04:58 PM (IST)
एमबीबीएस डॉक्टरों को मिलेगी पैथोलॉजी लैब चलाने की अनुमति
अलीगढ़ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमडी पैथोलॉजिस्ट के अभाव में अवैध घोषित हुईं जनपद की 150 से अधिक पैथोलॉजी लैबों को सरकार की अधिसूचना के आधार पर  अनुमति देने की तैयारी हो गई है। लैब संचालकों से आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं, जिनके दस्तावेज भी कार्यालय में जमा कराए जा रहे हैं। इससे झोलाछाप की श्रेणी में रखी गईं तमाम लैबों को वैद्यता मिल जाएगी।

वर्तमान स्थिति

जिले में 200 से अधिक लैब संचालित होती रही हैं। जबकि एमडी पैथोलॉजिस्ट मात्र 15-16 हैं। दरअसल, एक एमडी पैथोलॉजिस्ट के नाम से 15-20 लैबों का पंजीकरण कर दिया गया। दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी लैब अवैध घोषित कर दीं। इसके बाद 56 लैब संचालकों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किए, इसमें करीब 30-32 लैब संचालकों पर मेहरबानी दिखाई गई।

जारी हुई अधिसूचना

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लैब संचालकों में खलबली मच गई। 150 से ज्यादा लैब स्वत: अïवैध घोषित हो गईं। यह अलग बात है कि अवैध होने के बावजूद कोई लैब बंद नहीं हुई और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए बिना अर्ह योग्यता के मरीजों की जांच कर उन्हें धड़ल्ले से रिपोर्ट दी गईं। आदेश के खिलाफ संचालकों ने सरकार पर दबाव बनाया तो सालभर पहले अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें कैटेगरी के आधार पर लैब संचालन की अनुमति दे दी गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश व अधिसूचना को लेकर अफसरों में उहापोह की स्थिति बनी रही, मगर अब समस्त संचालकों से आनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं।

एमबीबीएस चिकित्सकों को मिलेगी अनुमति

कार्यवाहक सीएमओ डॉ.पीके शर्मा का कहना है कि अधिसूचना के आधार पर 150 से आनलाइन आवेदन प्राप्त हो गए हैं। एमडी पैथोलॉजिस्ट या अन्य पीजी डिग्र्री के साथ एमबीबीएस चिकित्सकों को लैब चलाने की अनुमति दी जाएगी।

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