Aligarh Crime News: पति की हत्या के मामले में पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, चार साल पहले हुई थी घटना
अलीगढ़ की एक अदालत ने एक महिला और उसके प्रेमी को उसके पति की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना चार साल पहले क्वार्सी क्षेत्र के चंदनिया में हुई थी। महिला ने अपने पति की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोनों को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। चार वर्ष पहले प्रेमी के सहयोग से पति की गला घोंटकर हत्या के मामले में एडीजे-11 रजनेश कुमार की अदालत ने दोषी पत्नी व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी तय किया है।
क्वार्सी क्षेत्र के चंदनिया मुहल्ला में चार दिसंबर 2020 को हत्या हुई थी। चंदनिया के गंगा प्रसाद ने मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें कहा था कि उनके बेटे सतीश ने पड़ोसी की चार बच्चों की मां पत्नी सरोज संग पांच वर्ष पहले शादी की थी। तब से दोनों साथ रह रहे थे। इस बीच मोहल्ले में ही रहने वाला मुरादाबाद के कुंवरपुर अंबियापुर के कपिल से महिला के रिश्ते हो गए।
घटना वाले दिन कपिल ने वादी को बताया कि सतीश की तबीयत खराब है। स्वजन जब उसके पास पहुंचे तो वह जमीन पर मृत पड़ा था। मौके पर चूड़िया टूटी थीं। गर्दन पर खरोंच के निशान थे। बहू ने बीमारी से मृत्यु की जानकारी दी। संदेह होने पर परिवार ने पुलिस को सूचना दी। शव का पोस्टमार्टम कराने पर गला दबा कर हत्या की जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि सरोज व कपिल ने आपसी संबंधों का विरोध करने पर हत्या की है इसमें सरोज द्वारा गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आई। इसी आधार पर चार्जशीट दायर की। न्यायालय ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर उम्रकैद व 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
तीसरे की मदद से की थी दूसरे पति की हत्या
इस मुकदमे में दोषी महिला ने पहले पति और चार बच्चों को छोड़कर दूसरे के साथ भागकर शादी की। इसके बाद तीसरे की मदद से दूसरे पति की हत्या कर दी।
चाकू से गोदकर महिला की हत्या में एक को उम्र कैद
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। दिल्ली से रिश्तेदार के चालीसवें में आई महिला की चाकू से गोदकर हत्या के मामले में अदालत ने एक दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन आरोपित बरी हो गए। घटना 11 जनवरी 2021 की है। शास्त्री पार्क, कादरी मस्जिद, पुरानी दिल्ली के जाकिर हुसैन ने मुकदमा पंजीकृत कराया था।मुकदमा के अनुसार, उनकी मां चमन बेगम व मौसा असलम रिश्तेदारी में जीवनगढ़ में चालीसवें में आए थे। यहां जीवनगढ़ के शमी हैदर, उसका भाई शबलू, उनकी मौसेरी बहन अर्शी, अर्शी की मां शायदा भी मौजूद थे। हमारी मां के नवासे की शादी अर्शी संग हुई है। उन लोगों में आपस में विवाद चल रहा था।इसी विवाद का जिक्र वहां होने लगा। इस बीच शमी हैदर ने भाई के सहयोग से अर्शी व उसकी मां के इशारे पर मेरी मां व मौसा पर चाकू से प्रहार कर दिए। मां की मौत हो गई। चार्जशीट के आधार पर सत्र परीक्षण हुआ। जिसमें साक्ष्यों व गवाही के आधार पर शमी हैदर को हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जुर्माना भी लगाया है।
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