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Ravindra Jain Birthday: संगीतकार रवींद्र जैन को पसंद था कुल्‍हड़ का दूध

फिल्‍म नगरी मुंबई में अपनी प्रतिभा के जरिए धाक जमाने वाले संगीतकार रवींद्र जैन का जन्‍म अलीगढ़ में हुआ था। अलीगढ़ में छोटी छोटी ऐसी यादें हैं जिन्‍हें भुलाया नहीं जा सकता। रवींद्र जैन को अलीगढ़ का कुल्‍हड़ का दूध बेहद पंसद था।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 05:39 AM (IST)
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मशहूर संगीत व गीतकार रवींद्र जैन का जन्‍म अलीगढ़ में हुआ था।
अलीगढ़, संदीप सक्‍सेना। धारावाहिक रामायण, फिल्‍म राम तेरी गंगा मैली समेत दर्जनों फिल्‍मों में गीत लिखकर और उन्‍हें संगीतबद्ध कर फिल्‍म इंडस्‍ट्री में धाक जमाने वाले मशहूर संगीत व गीतकार रवींद्र जैन का जन्‍म अलीगढ़ में हुआ था। वह भले ही हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनकी तमाम ऐसी यादें हैं, जिन्‍हें भुलाया नहीं जा सकता। वे मुंबई से जब भी अलीगढ़ आते थे, तो वह कुल्‍हड़ का दूध पीना नहीं भूलते थे। संगीतकार रवींद्र जैन जयगंज में कुल्‍हड़ का दूध पीने जरूर आते थे।

रवींद्र जैन को कुल्‍हड़ का दूध था पसंद

थाना सासनी गेट से कुछ ही दूरी पर जयगंज स्‍थित कुल्‍हड़ का दूध बेचने वाले विष्‍णु यादव पुत्र स्‍व रधेश्‍याम यादव बताते हैं कि 40 साल पुराना दूध का पुस्‍तैनी काम है। विष्‍णु का कहना है कि संगीतकार रवींद्र जैन जब भी अलीगढ़ आते थे, तो वह उनके यहां दूध पीने जरूर आते थे। उन्‍हें कुल्‍हड़ का दूध बेहद पसंद था। 

रवींद्र ने संगीत के क्षेत्र में बनाई अलग पहचान

जयगंज स्‍थित यादव मैटल्‍स के संचालक एवं वरिष्‍ठ प्रांतीय सपा नेता अशोक यादव कहना है कि संगीतकार रवींद्र जैन जैसी हस्‍ती सदियों में एक बार ही पैदा होती है। भक्‍ति संगीत एवं संगीत के क्षेत्र में रवींद्र जैन ने अपनी प्रतिभा के बलबूते पर फिल्‍म इंडस्‍ट्री में अलग पहचान बनाई थी। उनका जन्‍म अलीगढ़ में हुआ था। इस बात पर उन्‍हें गर्व है। वे जब भी अलीगढ़ आते थे, तो जयंगज में कुल्‍हड़ का दूध पीने जरूर आते थे। उनके साथ फिल्‍म नगरी से जुड़े और भी साथी होते थे। सबको अलीगढ़ का कुल्‍हड़ का दूध पंसद था। 

अलीगढ़ में हुआ था जन्‍म 

सुप्रसिद्ध संगीतकार रंवींद्र जैन का जन्‍म 28 फरवरी 1944 को उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के मोहल्ला कनवरीगंज में हुआ था। रवींद्र जैन जन्म से नेत्र दिव्यांग जरूर थे, पर उन्‍होेेंने  फिल्मों के लिए गीत लिखे और संगीतबद्ध किया। धारावाहिक रामायण में संगीत रवींद्र जैन ने ही दिया था। इसके अलावा फिल्‍म रामतेरी गंगा मैली समेत दर्जनों में फिल्‍मों में संगीत दिया और अनेक गीत खुद गाए। फिल्‍म नदिया के पार संगीत दिया था। इस फिल्‍म का गीत 'जोगी जी धीरे-धीरे' सुपरहिट हुआ। इस गीत को रवींद्र जैन ने ही लिखा और संगीतबद्ध किया था। उनके लिखे गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं।

फिल्‍म इंडस्‍ट्री में बनाई अलग पहचान

पिता इंद्रमणि जैन आयुर्वेदाचार्य थे। सात भाई-बहन थे। नेत्र दिव्यांग होने के कारण सभी उनके भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे। सूरदास से प्रेरित हो रवींद्र जैन ने स्वयं को साबित करने के लिए संगीत की साधना शुरू की। कोलकाता चले गए, जहां संगीत का अच्छा माहौल मिला। 1969 में मुंबई पहुंचकर फिल्मी दुनिया में कदम रखा। तब एसडी बर्मन, सलिल चौधरी, कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जैसे दिग्गज संगीतकारों का दबदबा था। रवींद्र जैन ने भारतीय शास्त्रीय व लोक संगीत व उन पर आधारित कर्णप्रिय गीतों से जल्द ही लोगों के दिल में जगह बना ली। नौ अक्टूबर 2015 में उनका निधन हो गया।

ये हैं कुल्हड़ में दूध पीने के फायदे

कुल्हड़ वाला दूध केवल स्वाद के लिहाज से ही नहीं सेहत के लिए लाभदायक होता है। दूध में

कैल्शियम, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। इसे पीने से मेटाबॉलिज्म दर (पाचन ऊर्जा) बढ़ती है। दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर को गर्म रखता है।

कई रोगों के लिए है फायदेंमंद 

हड्डियों के रोग, रतौंधी और जोड़ों के दर्द में सबसे अधिक फायदा करता है। डायबिटीज के मरीज अगर इसे पीना चाहते हैं तो इसे कम मात्रा में बिना चीनी के ही पिएं। गर्भावस्था में खास उपयोगी होता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार कुल्हड़ वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओ और उनकी होने वाली संतान को सबसे ज्यादा लाभ होता है।

गर्भवती महिलाओं को तीसरे माह के बाद कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है। ऎसे में यह दूध काफी उपयोगी होता है। क्योंकि कुल्हड़ मिट्टी से बनता है जिसमें कैल्शियम के तत्व होते हैं।

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