नंगा बदन-कंधे पर डंडा और खौफनाक चेहरा, दो की हत्या कर महिलाओं के पीछे दौड़ा; इन 6 सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस
गांव के धर्मपाल ने बताया कि किसान मजदूर घूमने के लिए जंगल की तरफ जाते हैं। लेकिन ये किसी को भनक नहीं थी कि कोई सिरफिरा जंगल में घूम रहा है। संभवत आरोपित ने खेत में कोई डंडा उखाड़ा था। उसने शराब पी रखी थी या भांग आदि का कोई नशा कर रखा था। हालत ये थी कि चार-पांच लोग इकट्ठा होकर उसके पास जाने से घबरा रहे थे।
संवाद सूत्र, जट्टारी। अक्सर विवादों से घिरे रहने वाले गांव नूरपूर के लिए बुधवार की सुबह काल बनकर आई। किसी ने सोचा नहीं था कि बिना किसी विवाद या रंजिश के दो लोगों की जान चली जाएगी। लेकिन, घटना के बाद हर किसी की जुबान पर खौफनाक मंजर की चर्चाएं थीं। लालाराम की हत्या के बाद जिन महिलाओं के पीछे आरोपित दौड़ा था, उन्होंने गांव में जाकर शोर मचाया कि कोई पागल ग्रामीणों को मारकर फूंक रहा है। जल्दी चलो। इसके बाद लोग पहुंचे।
प्रत्यदर्शियों ने कहा कि करीब पौने छह फुट कद, नंगा बदन, केशहीन सिर, कंधे पर डंडा लेकर दौड़ रहे आरोपित के चेहरा पर खून सवार था। कद-काठी से लगा कि कोई आदिवासी गांव में घुस आया है। किसी तरह भागकर जान बचाई।
गांव नूरपुर मुस्लिम बहुल है। यहां पूर्व में अनुसूचित जाति की बरात चढ़त को लेकर विवाद हुआ था, जो कई महीनों तक चर्चाओं में रहा। तीन वर्ष पहले हिंदू मुस्लिम विवाद हुआ था। लेकिन, इस घटना ने सबके रौंगटे खड़े कर दिए।
गांव के धर्मपाल ने बताया कि रोज की तरह किसान, मजदूर घूमने के लिए जंगल की तरफ जाते हैं। लेकिन, ये किसी को भनक नहीं थी कि कोई सिरफिरा जंगल में घूम रहा है। संभवत: आरोपित ने खेत में कोई डंडा उखाड़ा था। उसने शराब पी रखी थी या भांग आदि का कोई नशा कर रखा था। हालत ये थी कि चार-पांच लोग इकट्ठा होकर उसके पास जाने से घबरा रहे थे। एक तरफ आरोपित डंडा लहराता तो दूसरी ओर से लोग उसे घेरने का प्रयास करते।
अफरा-तफरी का माहौल
करीब 15 मिनट तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। जैसे-तैसे ग्रामीणों ने उसे काबू किया। पब्लिक की मारपीट में उसकी जान चली गई। जानकारी पर एसएसपी संजीव सुमन, एसपी देहात पलाश बंसल, सीओ खैर राजीव द्विवेदी गांव में पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए। घटना में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया। ग्रामीणों ने किसी तरह का कोई विरोध नहीं किया। लेकिन, ऐहतियातन गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
शाम करीब साढ़े छह बजे लालाराम व जफर के शव का गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
तीनों की खोपड़ी टूटी मिलीं, जल गया था लाला का शव
दोपहर में तीनों के शव का पोस्टमार्टम हुआ। यहां भी पुलिस मौजूद थी। लालाराम व जफर की खोपड़ी व सिर की हड्डी टूटी मिलीं। जफर के सिर पर दो व लाला के तीन वार किए गए थे। लाला का चेहरा, कमर, हाथ, जांघ तक का हिस्सा जल चुका था। पैर सुरक्षित थे। वहीं, अफजाल की खोपड़ी भी टूटी थी। उसे दो जगह वार थे। एक वार कान के पीछे था, जो पत्थर का प्रतीत हो रहा था।
भांग का नशा करता था, एक दिन पहले कटवाए थे बाल
आरोपित अफजाल उर्फ भोलू छह भाई व दो बहनों में दूसरे नंबर का था। पिता मुमताज राजमिस्त्री हैं। करीब नौ वर्ष पहले अफजाल की शादी हुई थी। चार बच्चे हैं। उसके चाचा निजाम ने बताया कि एक समय में वह अच्छा कबड्डी खिलाड़ी था। लेकिन, किसी बीमारी के चलते वह तनाव में आता गया और धीरे-धीरे दिमागी रूप से परेशान हो गया। पहले भी कई बार वह लोगों से हाथापाई कर चुका था। अफजाल फर्नीचर बनाने का मिस्त्री भी था। कुछ माह से भांग का नशा करने लगा था।
कई जगहों पर उसका इलाज कराया। यहां तक कि मंगलवार को उसे एक जगह ले गए थे। वहां बताया गया कि अफजाल के दिमाग में गर्मी चढ़ गई है। इसके चलते ही उसके बाल कटवाए गए। इसके बाद उसे घर ले आए। रात में वह नमाज पढ़ने गया। वहां सिर झुकाकर काफी देर तक बैठा रहा। रात करीब 12 बजे वहां से गायब हो गया। इसके बाद से स्वजन उसे तलाश रहे थे।
मंगलवार सुबह गांव में घोषणा करवाई। लेकिन, कुछ देर बाद ही उसकी मृत्यु की खबर आई। बुधवार को भी स्वजन उसे एक अस्पताल में ले जाने वाले थे।
नमाज पढ़ने व अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने की चर्चाएं
इस घटना के बाद गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोगों का कहना है कि आरोपित ने लालाराम की हत्या के बाद खेत पर ही नमाज भी पढ़ी। इसके बाद दौड़ते हुए वह अल्लाह हू अकबर के नारे लगा रहा था। लेकिन, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस
अगर अफजाल विक्षिप्त था तो हमला करते समय अल्लाह हू अकबर के नारे ही क्यों लगाए?
हत्या के बाद लाला के शव को क्यों जलाया? उसने कभी अपने घर या गांव वालों पर हमला क्यों नहीं किया?
आरोपित के गांव से नूरपुर की दूरी 12 किलोमीटर है। रास्ते में कई गांव पड़े। उसने नूरपुर को ही क्यों चुना?
12 किलोमीटर के रास्ते में किसी और पर हमला क्यों नहीं किया?
पहले बताया गया कि आरोपित चार-पांच महीने से पागल था। अब स्वजन बोल रहे हैं कि पिछले तीन दिनों से ही पागल था।
उसका इलाज कहां चल रहा था? हमला करने के पीछे उसकी क्या मंशा रही होगी?
लालाराम ने भाई ने कराया मुकदमा
जफर के परिवार में पत्नी संजीदा, चार बेटा व एक बेटी हैं। लालाराम के परिवार में दो बेटे व दो बेटी हैं। मामले में लालाराम के भाई नौर सिंह ने तहरीर दी है। इसमें कहा है कि मंदबुद्धि अज्ञात व्यक्ति ने उनके भाई की मोटे डंडे से सिर पर वार कर हत्या कर दी। बाद में खुद नंगा हो गया और शव को आग लगा दी। इसके बाद आरोपित ने जफर की भी हत्या की और जमीन पर गिर गया।
इस पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
सीसीटीवी में पैदल आता दिखाई दिया
अफजाल के गांव से नूरपुर गांव की दूरी करीब 12 किमी है। पुलिस ने रास्ते के सीसीटीवी खंगाले तो एक-दो स्थान पर आरोपित पैदल ही आता दिखा। गांव नूरपुर में भी वह अंदर नहीं घुसा। खेतों के रास्ते पर घूम रहा था। सबसे पहले उसे लालाराम नजर आए, जिन्हें मौत के घाट उतार दिया।
उनसे क्या विवाद हुआ, ये कोई नहीं जानता। लेकिन, बताया जा रहा है कि उन्हें पीछे से डंडा मारा गया। अचानक उसे क्या हुआ, ये जांच का विषय है।
आरोपित युवक द्वारा नारे लगाने जैसी चर्चाओं को लेकर जांच की गई। लेकिन, ऐसा कुछ सामने नहीं आया। यह घटना आरोपित ने अचानक की है। इसके पीछे कोई योजना नहीं थी। फिर भी सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
संजीव सुमन, एसएसपी