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उखड़ी सड़कें ही नहीं, मेनहोल भी दे रहे दर्द, क्‍यों न उठे नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल

नगर को साफ सुथरा रखने की जिम्‍मेदारी नगर निगम ठीक से नहीं उठा पा रहा है। शहर की उखड़ी सड़कें दूषित पानी की आपूर्ति और बजबजाती गलियां इसका जीता जागता उदाहरण है। ऐसे हालात में स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण की परीक्षा में अव्‍वल आने की उम्‍मीद बेमानी है।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 06:25 AM (IST)
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लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम ठीक ढंग से निभा नहीं पा रहा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । शहर को साफ-सुथरा रखने और लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम ठीक ढंग से निभा नहीं पा रहा। उखड़ी सड़कें, दूषित पानी की आपूर्ति, गंदगी से बजबजाती गलियां इसके साक्ष्य दे रही हैं। विभागीय अफसर मैनहोल तक पूरी तरह ठीक नहीं करा पाए। जबकि, इनमें लाखों का बजट ठिकाने लग चुका है। मैनहोल के आड़े-तिरछे ढक्कन वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। ये स्थिति तब है, जब स्वच्छ सर्वेक्षण की परीक्षा में निगम अफसर अव्वल आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। शहरवासियों से स्वच्छता पर फीडबैक मांगा जा रहा है। इन हालातों में कैसा फीडबैक मिलेगा, अंदाजा लगाया जा सकता है।

नगर निगम की कार्यशैली में अक्‍सर उठते रहे हैं सवाल

सड़क, सफाई, पेयजल और पथ प्रकाश व्यवस्था को लेकर अक्सर नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए जाते हैं। ये गलत भी नहीं है। आगरा रोड पर सासनीगेट चौराहे से रूसा हास्पिटल तक स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना तीन साल पहले बनी थी। डेढ़ साल से डिवाइडर पर बिना एलईडी के पोल खड़े हैं, इनमें दो उखड़ भी गए। किसी अफसर ने इस ओर देखा नहीं। नाले साफ कर सड़कों पर सिल्ट निकाली जा रही है। इससे सड़कें तो खराब हो ही रहीं हैं, राहगीर व स्थानीय लोग भी परेशान हैं। जबकि, एनजीटी के स्पष्ट निर्देश हैं कि सड़कों पर सिल्ट न निकाली जाए। सड़कों की मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती गई। जो गड्ढे भरे गए, उनमें अधिकतर फिर उखड़ गए।

निकासी न होने से गलियों में भरा पानी

नगर निगम की नाकामी का एक और उदाहरण सिविल लाइंस, क्वार्सी और देहलीगेट इलाके में बदहाल पड़ी गलियां हैं। यहां सड़क बनाने के दावे तो किए गए, लेकिन इन्हें पूरा करने के कोई प्रयास नहीं हुए। निकासी न होने से पानी गलियों में भर जाता है। रोरावर, जाकिर नगर, रजा नगर, जीवनगढ़ आदि क्षेत्रों में बुरा हाल है। सड़क निर्माण के प्रस्ताव भी हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। मैरिस रोड, रामघाट रोड, पड़ाव दुबे आदि व्यस्ततम मार्ग भी दुरुस्त नहीं हैं।

नगर आयुक्त ने देखी अनियमितता

निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के गवाह खुद नगर आयुक्त गौरांग राठी हैं। पिछले दिनों नगला डालचंद में नगर आयुक्त ने औचक निरीक्षक किया था। इंटरलाकिंग और पुलिया के निर्माण में तमाम खामियां नजर आईं। नगर आयुक्त ने संबंधित ठेकेदार काे काली सूची में डालने के साथ जेई व एई से स्पष्टीकरण मांग लिया। बोर्ड अधिवेशन में पार्षद अक्सर ऐसे मुद्दे उठाते हैं। जांच का आश्वासन देकर अफसर चुप्पी साध लेते हैं। सीवर सफाई कार्य की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी। नलकूपों के रिबोर कार्य की जांच कराने का भी दावा किया गया, मगर कुछ हुआ नहीं।

इनका कहना है

सड़कों को बुरा हाल है। वाटर लाइन के लिए सड़कें खोदी गईं, फिर ठीक ढंग से मरम्मत नहीं की गई। दोपहर तक सड़कों के किनारे कचरा जमा रहता है।

कुलदीप चौहान, राम विहार

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सड़कों पर फिर गड्ढे होने लगे हैं। रात के समय काफी दिक्कत होती है। ज्यादातर स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। अफसरों को गंभीरता बरतनी चाहिए।

शरद शर्मा, महेंद्र नगर

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