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अब एक क्लिक पर सामने होगा 'मेरा गांव, मेरी धरोहर', मिलगी फेमस चीजों की जानकारी

आपके गांव में कौन सी चीज फेमस है उसके बारे में जानकारी के लिए अब आपको इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है। आपको मेरा गांव मेरी धरोहर पर जाकर क्‍लिक करना होगा और सारी चीजें होंगी सामने। इससे लोगों को काफी सहूलियत मिलेेेेगी ।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Mon, 02 May 2022 01:10 PM (IST)
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अब जनपद के गांवों की सांस्कृतिक धरोहर को मोबाइल में कैद कर एप पर अपलोड किया जा सकेगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अब जनपद के गांवों की सांस्कृतिक धरोहर को मोबाइल में कैद कर एप पर अपलोड किया जा सकेगा। इसमें उन गांवों का डाटा अपलोड किया जाएगा जहां पर चर्चित राजनीतिक, स्वतंत्रता सेनानी जन्मे हो या फिर धार्मिक व एतिहासिक महत्व हो। इसमेें सर्वे के दौरान नौ विशेष बातों को दर्ज किया जाएगा। पूर्व मुुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह का मढ़ौली, स्वतंत्रता सेनानी नवाब सिंह चौहान का गांव जवां या फिर गांव हरिदासपुर में खैरेश्वर धाम, गभाना के किला की पूरी जानकारी आपको एप पर एक क्लिक पर मिल जाएगी। इसके लिए भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के मध्य पिछले दिनों अनुबंध किया जा चुका है। यह कार्य देश में पहली बार किया जा रहा है जिसको मेरा गांव मेरी धरोहर नाम दिया गया है। जनपद में इस योजना का ट्रायल किया जा चुका है। अलीगढ़ में इस योजना का ट्रायल भी किया जा चुका है पायलेट प्रोजेक्ट के दौरान जिले के कुछ पंचायतों में सीएससी कर्मियों के द्वारा सर्वे का कार्य किया भी जा चुका है।

सर्वे में नौ विशेष बातों को किया गया दर्ज

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कामन सर्विस सेंटर और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है , जिसको मेरा गाँव मेरी धरोहर नाम दिया गया है । शब्द से सीधा आशय है कि गाँव की विरासत इस सर्वे के दौरान नौ विशेष बातों को दर्ज किया जाना है ।

ये जानकारी होंगी दर्ज

इस सर्वे के दौरान गांव के लोगों से कुछ जानकारी ले कर दर्ज करना है, जिसमे गांव कि खास पहचान क्या है? गांव की खास सांस्कृतिक पहचान, गांव के प्रसिद्ध स्थान प्रसिद्ध व्यक्ति, विशेष पकवान, विशेष आभूषण, विशेष कपड़े के बारे में जानकारी, फोटो, वीडियो व अन्य जानकारी एप पर दर्ज की जाएंगी। एप का नाम कल्चर मैप आफ इंडिया रखा गया है। जनपद में 1230 गांव हैं। पहले चरण में 50 गांव का चयन किया जा चुका है।

दी जा चुकी है ट्रेनिंग

जिला स्तर पर विकास खंड के सीएससी संचालकों का प्रशिक्षण कराया गया। जिसके बाद संचालकों के द्वारा इस कार्य किया जाना है। इस योजना के तहत जिला मुख्यालय पर विकास भवन सभागार में केंद्र संचालकों को ट्रेनिंग कराई गई है। सांस्कृतिक धरोहर मेरा गांव मेरी धरोहर सांस्कृतिक शब्द से सीधा मतलब ही कि कोई ऐसी चीज जिसमे कुछ विशेष हो या वह पुरानी हो सरकार ऐसी सभी चीजों को इकट्ठा कर इन चीजों कि प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है। इसमें गांव के नागरिकों के सहयोग से गांव, ब्लाक जिले विशेष बनाती है। उसकी खासियत को दर्ज किया जाएगा। साथ ही उस से संबंधित फोटो वीडियो और उसके बारे में संपूर्ण जानकारी भी अपलोड किए जाएंगे। उसको मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज किया जाना है। जिला प्रबंधक विष्णु कांत व राहुल पांडेय ने बताया कि मेरा गांव मेरी धरोहर से जो लोग गांव की चीजों के बारे में फेमस चीज के बारे में नहीं जानते हैं, वो लोग एक क्लिक से सारी जानकारी ले कर उनको दे सकते हैं।

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