Farmers' income will increase : क्लस्टर बनाकर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने पर अफसरों का जोर Aligarh news
किसानों की आय और कृषि निर्यात नीति को बढ़ावा देने के लिए जनपद में क्लस्टर बनाए जाएंगे। बुधवार को एनआसी भवन में आयोजित बैठक में डीएम सेल्वा कुमार जे. ने 50 से 100 हेक्टेअर के क्लस्टर बनाने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए हैं।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Thu, 07 Oct 2021 05:29 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। किसानों की आय और कृषि निर्यात नीति को बढ़ावा देने के लिए जनपद में क्लस्टर बनाए जाएंगे। बुधवार को एनआइसी भवन में आयोजित बैठक में डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने 50 से 100 हेक्टेअर के क्लस्टर बनाने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए हैं। क्लस्टर के पास कृषि आधारित निर्यात इकाई स्थापित करने वालों को प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय द्वारा कृषि निर्यात को दोगुना करने के लिए 2019 में कृषि निर्यात नीति लागू की गई थी। इस नीति का उद्देश्य क्लस्टर खेती को बढ़ावा देकर बाजारों का विस्तार कर किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाना, विभागों के मध्य समंवय स्थापित करना, निर्यात योग्य कृषि उत्पादों की जानकारी किसानों तक पहुंचाना है।
रोजगार सृजन के साथ किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ भी होगा
कृषि और विपणन विभाग के अधिकारियों की बैठक में डीएम ने कहा कि शासन के निर्देश समूहों में विभिन्न क्षेत्रों के क्लस्टर बनाते हुए कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के हैं। इससे रोजगार सृजन के साथ ही किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा। डीएम ने कहा कि सभी संबंधित विभाग एक एफपीओ को गोद लेकर क्लस्टर के रूप में विकसित कराएं। वरिष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक भगवती प्रसाद ने बताया कि किसान एफपीओ क्लस्टर बनाकर निर्यात कर सकेंगे, जिसमें न्यूनतम 50 हेक्टेयर कृषि भूमि होना अनिवार्य है। क्लस्टर के पास खाद्य पदार्थ प्रसंस्करण इकाई भी स्थापित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर निर्यात निगरानी समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में, मंडल स्तर पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कृषि निगरानी समिति गठित की गई है। जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई गठित है।
कलस्टर के गठन को किसानों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशिमंडल स्तरीय निगरानी समिति जिला क्लस्टर सुविधा इकाई के कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही मार्गदर्शन भी करेगी। कल्स्टर के गठन के लिए किसान को प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। यह प्रोत्साहन राशि निर्यात के टर्नओवर के 10 फीसद या 25 लाख रूपये होगी, जिसे निर्यात प्रारंभ करने के वर्ष से पांच वर्षों तक लिया जाएगा। 50 से 100 हेक्टेयर के क्लस्टर के लिए 10 लाख रूपये, 100-150 हेक्टेअर के लिए 16 लाख, 150-200 के लिए 22 लाख और 200-250 हेक्टेयर के लिए 28 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रथम वर्ष 40 फीसद और अगले चार वर्षों में 15-15 फीसद देय होगी। निर्यात अगले चार वर्षों में 30 फीसद से बढ़ाकर 50 फीसद तक करने का प्रयास किया जाएगा। अलीगढ़ में बासमती चावल, आलू, आम, अमरूद, हरी सब्जियां, ताजा दूध, पनीर, घी, मांस आदि फसल व उत्पादों के क्लस्टर बनाए जा सकते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।