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AMU के जेएन मेडिकल कालेज पर NMC की रहेगी आनलाइन निगरानी, चप्‍पे-चप्‍पे पर लगेंगे CCTV, ये हैं मुख्‍य कारण

NMC monitoring on JN Medical अलीगढ़ मुस्‍लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज पर अब नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) की निगरानी रहेगी। ओपीडी के रजिस्ट्रेशन से लेकर आपरेशन थिएटर पर कंट्रोल रूम के माध्यम से आयोग की नजर रहेगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Fri, 28 Oct 2022 08:57 AM (IST)
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नेशनल मेडिकल ने जेएनएमसी को दी थी मान्यता रद करने की चेतावनी । फोटो जागरण

अलीगढ़, केसी दरगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज पर अब नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) की निगरानी रहेगी। ओपीडी के रजिस्ट्रेशन से लेकर आपरेशन थिएटर पर कंट्रोल रूम के माध्यम से आयोग की नजर रहेगी। मेडिकल कालेज में शुरुआत हो गई है। आयोग की टीम मेडिकल का निरीक्षण करने के बाद तीन महीने के अंदर न करने पर मान्यता रद करने की चेतावनी दी थी।

NMC की निगरानी में रहेगा सबकुछ 

आयोग की टीम को निरीक्षण किए आठ नवंबर को तीन महीने पूरे हो जाएंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन( NMC ) ने देश के 650 मेडिकल कालेजों के लिए गाइड लाइन तय की है। इसमें मेडिकल कालेजों में आनलाइन सुविधाएं बढ़ाने के साथ उनकी निगरानी पर जोर दिया है। इसमें जेएन मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल भी शामिल है। यहां पढ़ाई के साथ गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज भी किया जाता है। फिलहाल यहां पर 150 एमबीबीएस की सीट हैं। इसके अलावा एमडी और एमएस की डिग्री भी दी जाती है।

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NMC की गाइड लाइन के लिए यह है जरूरी

नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन की मानें तो उसमें आनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन व काउंटरों पर सीसीटीवी कैमरों के अलावा विभिन्न वार्डों के कर्मचारी से लेकर सीनियर कंसलटेंट तक की बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य है। यहां तक क्लास रूम और आपरेशन थिएटर पर भी सीसीटीवी कैमरों से नजर रहेगी। ब्लड बैंक, सेंट्रल लैब, सेंट्रल ड्रग स्टोर, वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए 25 कंप्यूटर लगाकर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यह कंट्रोल रूम आयोग से जुड़ा रहेगा। आयोग आनलाइन 24 घंटे कैमरों के माध्यम से निगरानी करेगा।

Online पंजीकरण आसान नहीं

कहा जा रहा है कि मेडिकल कालेज में तीन से साढ़े तीन हजार मरीज रोजाना ओपीडी में पंजीकरण कराते हैं। कभी-कभी यह संख्या चार हजार तक पहुंच जाती है। यहां जो मरीज आते हैं। वे ऐसे तपके हैं जो कि कम पढ़े लिखे हैं, उन्हें दूर से पंजीकरण कराना आसान नहीं है। भीड़ के कारण मरीज मध्य रात्रि के बाद ही आना शुरू हो जाते हैं। इसलिए पहले चरण में 25 प्रतिशत मरीजों के ही ओपीडी के लिए आनलाइन पंजीकरण होंगे। शेष 75 प्रतिशत मरीजों का काउंटर पर पंजीकरण किया जाएगा। इसमें कंप्यूटर में मरीज का नाम, उम्र व ओपीडी का नंबर दर्ज किया जाएगा। मरीज को प्रिंटर से पंजीकरण की रसीद दी जाएगी। अब एक नवंबर से 20 रुपये बढ़ाकर 30 रुपये पंजीकरण शुल्क कर दिया गया है। अब तक मैनुअली पर्चे बनाए जाते हैं।

निरीक्षण कर चुकी है NMC की टीम

NMC की टीम ने अचानक आठ अगस्त को मेडिकल कालेज की ओपीडी से लेकर बारीकी से निरीक्षण किया था। इसमें मेडिकल कालेज में मानक के अनुसार बेड से लेकर स्टाफ व अन्य सुविधाएं नहीं मिलीं थी। इसमें आयोग को तमाम खामियां मिली थी। JN Medical के सीएमएस से लेकर प्रिंसिपल की योग्यता पर भी सवाल उठाए थे। उस समय ईद होने के कारण मेडिकल प्रशासन ने स्टाफ की छुट्टी और तैयारी न होने की बात कही थी। यह निरीक्षण एमबीबीएस की 150 से 200 सीट करने की मान्यता देने से पहले किया।

नेशनल मेडिकल कमीशन NMC की गाइड लाइन का पालन करते हुए जेएन मेडिकल कालेज की सुविधाओं को आनलाइन करने के लिए काम शुरू हो गया है। देश के अन्य मेडिकल कालेजों में भी आयोग की निगरानी रहेगी।

प्रो. एम हारिस, सीएमएस, जेएन मेडिकल कालेज