Jal Jeevan Mission Scheme : जल जीवन मिशन में लापरवाही का ‘जहर’, करोड़ों खर्च के बाद भी सुस्ती बरकरार
Jal Jeevan Mission Scheme केंद्र सरकार द्वारा 2024 तक हर व्यक्ति तक स्वच्छ जल पहुंचाने की योजना में सुस्ती पर डीएम ने सख्ती दिखायी है। जल जीवन मिशन में बरती जा रही लापरवाही पर कार्यदायी संस्था से जवाब मांगा गया है।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 02:10 PM (IST)
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : Jal Jeevan Mission Scheme : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना में लापरवाही का ‘जहर’ घुल गया है। शासन से हर दिन 600 कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित है, लेकिन विभाग बमुश्किल सौ कनेक्शन ही प्रतिदिन दे पा रहा है। करोड़ों खर्च होने के बाद भी काम में सुस्ती बरकरार है। प्रदेश में जिला 50 से भी निचले स्थान पर है। अब तक जिले में महज साढ़े चार हजार कनेक्शन ही दिए गए हैं। जबकि, अगले दो साल में 2024 तक जिले में कुल 4.35 लाख कनेक्शन दिए जाने हैं। DM ने सुस्त रफ्तार पर reply from the executing agency मांगा है।
2024 तक हर व्यक्ति तक स्वच्छ जल पहुंचाने की योजनाCentral government ने 2024 तक प्रत्येक राजस्व गांव के हर व्यक्ति तक स्वच्छ जल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की गई है। करीब डेढ़ साल पहले जिले को इस योजना में शामिल किया गया था। शासन स्तर से इस योजना की जिम्मेदारी जल निगम को दी गई।
पहले चरण में जिले के कुल 1138 गांव में से 384 गांव का चयन इसमें हुआ। इन गांव में निर्माण कार्य की जिम्मेदारी मुंबई की Ion Access India Limited को दी गई। प्रदेश में ऐसी 16 कंपनियों को काम बांटा गया है। एक गांव से औसतन दो से ढाई करोड़ तक की धनराशि खर्च हो रही है। अगले 10 साल तक योजना के संचालन की जिम्मेदारी इसी कंपनी की है।
105 गांव में निर्माण कार्य
ion access की तरफ से जिले के 105 गांव में water head tank व पाइपलान का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनमें से करीब 58 गांव में पेयजल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है, लेकिन कंपनी कनेक्शन देने में काफी पिछड़ गई है। 2024 तक जिले में 4.35 लाख लोगों के घरों को मुफ्त में पानी के कनेक्शन देने हैं, लेकिन अब तक महज साढ़े सात हजार कनेक्शन ही दिए गए हैं। हर दिन 600 कनेक्शन के सापेक्ष सौ ही दिए जा रहे हैं।
निर्माण कार्य में भी सुस्ती कनेक्शन देने के साथ ही कंपनी निर्माण कार्य में सुस्त हैं। लक्ष्य के हिसाब से निर्माण कार्य काफी पिछड़ा हुआ है। कई गांव में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे हैं। पिछले दिनों जिले में एक सर्वे के दौरान भी अनियमितताएं सामने आईं थी। 92 गांव की और बनी DPR
जल निगम के अधिशासी अभियंता मो. इमरान ने बताया कि शासन स्तर से आयन आयन एक्सेज के साथ पीएनसी नाम की एक और कंपनी को जिले में काम की जिम्मेदारी दी है। यह कंपनी अब डीपीआर तैयार कर रही है। करीब 92 गांव की डीपीआर कंपनी बना चुकी है। जल्द ही इसके प्रस्ताव शासन में भेजे जाएंगे।
इस तरह होने हैं काम इस योजना में प्रत्येक गांव में एक वाटर हेड टैंक का निर्माण किया जाता है। इस टैंक की क्षमता गांव की आबादी के आधार पर तय होती है। इसके बाद हर घर तक पाइपलाइन बिछाई जाती है। इसके बाद पानी के लिए कनेक्शन वितरित होते हैं। सरकार मुफ़्त में कनेक्शन दे रही है।इनका कहना हैJal Jeevan Mission की सुस्त रफ्तार पर कंपनी को लक्ष्य के हिसाब से काम करने के निर्देश दिए हैं। हर दिन जिले में 600 कनेक्शन कैसे दिएं जाएंगे, इसके लिए भी कंपनी से विस्तृत प्लान मांगा गया है। लापरवाही पर कार्रवाई भी होगी।
- इंद्र विक्रम सिंह, डीएम
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