गायों को लेकर बवाल करने वालों की पहचान में जुटी पुलिस, 54 नामजद सहित सैंकड़ों के खिलाफ मामले दर्ज
अफसरों के लिए छुट्टा जानवर मुसीबत बन गए हैं। इसी कोशिश में लगे हुए हैं। इगलास क्षेत्र में पांच जिंदा गायों को दफन कर दिया गया।
By Edited By: Updated: Fri, 28 Dec 2018 01:27 PM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। पांच दिनों से इगलास, खैर, जवां व अतरौली क्षेत्र में पशुओं को सरकारी भवनों में बंद करने का सिलसिला शुक्रवार को थम गया, लेकिन अब पुलिस की दहशत है। गुरुवार को हुए बबाल में कई थानों में करीब 54 नामजद व सैंकड़ों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस शुक्रवार को आरोपितों की तलाश में दविश दे रही है। कई लोगों को हिरासत में भी लिया है।
गुरुवार को यहां हुआ था बवाल
इगलास क्षेत्र में गंगनहर पटरी पर गोवंश के जिंदा दफनाए जाने की खबर पर गुरुवार को बवाल मच गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर दफनाने का आरोप लगाते हुए मथुरा-अलीगढ़ मार्ग जाम कर दिया। पुआल डालकर आग भी जलाई। योगी सरकार व पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पुलिस ने दोष ग्रामीणों पर मढ़ा है। छह थानों का फोर्स व पीएसी लेकर पहुंचे अफसरों ने बमुश्किल हालात संभाले। दफनाई गई 11 मृत गायों के पास बेसुध पड़ीं छह जिंदा गोवंश को अस्पताल भेजा गया, जिसमें एक की मौत हो गई। पुलिस ने जाम-प्रदर्शन के इल्जाम में महिला समेत तीन को हिरासत में लिया, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। जिले के आधा दर्जन सरकारी स्कूलों व अस्पतालों में फिर पशु बंद कराए गए। पुलिस ने इनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की है। पांच दिन बंद किए गए पशु
योगी सरकार लाख कोशिश करके भी छुट्टा पशुओं को रखने की तत्काल व्यवस्था नहीं बना पा रही है। पांच दिन आक्रामक किसानों ने इन्हें स्कूलों, अस्पतालों और पानी की टंकी स्थलों में बंद किया। गोशाला में चार-पांच गुना पशु हो चुके हैैं। इस कारण पुलिस गुपचुप रात को छुड़वाने निकलती है। गुरुवार को शहर से करीब 25 किमी दूर अलीगढ़-मथुरा रोड स्थित गांव टीकापुर के पास गंग नहर किनारे सुबह नौ बजे बवाल तब शुरू हुआ, जब छह गोवंश मिट्टी से लथपथ गंभीर हाल में मिले।
इगलास क्षेत्र में गंगनहर पटरी पर गोवंश के जिंदा दफनाए जाने की खबर पर गुरुवार को बवाल मच गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर दफनाने का आरोप लगाते हुए मथुरा-अलीगढ़ मार्ग जाम कर दिया। पुआल डालकर आग भी जलाई। योगी सरकार व पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। पुलिस ने दोष ग्रामीणों पर मढ़ा है। छह थानों का फोर्स व पीएसी लेकर पहुंचे अफसरों ने बमुश्किल हालात संभाले। दफनाई गई 11 मृत गायों के पास बेसुध पड़ीं छह जिंदा गोवंश को अस्पताल भेजा गया, जिसमें एक की मौत हो गई। पुलिस ने जाम-प्रदर्शन के इल्जाम में महिला समेत तीन को हिरासत में लिया, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। जिले के आधा दर्जन सरकारी स्कूलों व अस्पतालों में फिर पशु बंद कराए गए। पुलिस ने इनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की है। पांच दिन बंद किए गए पशु
योगी सरकार लाख कोशिश करके भी छुट्टा पशुओं को रखने की तत्काल व्यवस्था नहीं बना पा रही है। पांच दिन आक्रामक किसानों ने इन्हें स्कूलों, अस्पतालों और पानी की टंकी स्थलों में बंद किया। गोशाला में चार-पांच गुना पशु हो चुके हैैं। इस कारण पुलिस गुपचुप रात को छुड़वाने निकलती है। गुरुवार को शहर से करीब 25 किमी दूर अलीगढ़-मथुरा रोड स्थित गांव टीकापुर के पास गंग नहर किनारे सुबह नौ बजे बवाल तब शुरू हुआ, जब छह गोवंश मिट्टी से लथपथ गंभीर हाल में मिले।
सीएम के खिलाफ नारेबाजी
ग्रामीणों का कहना था कि ये गोवंश दफनाए गए थे, पर जिंदा बच गए। योगी सरकार व पुलिस विरोधी नारे भी लगे। वैसे, गायें किसने दफन कीं, यह स्पष्ट नहीं है। एक चश्मदीद ने बताया कि बुधवार रात इगलास पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी से गोवंश दफनाए गए थे। अफसरों ने सड़क पर पड़ीं छह जिंदा गायें अस्पताल भेजीं, जिनमें एक ने दम तोड़ दिया। दफनाई गईं 11 गायें भी ग्रामीणों की जिद पर पोस्टमार्टम के लिए भेजी गईं। इनकी मौत 35 घंटे पहले बताई गई है। जाम में फंसे लोग भी ग्रामीणों के साथ हो लिए। दोपहर 12 बजे तक तीन घंटे में पांच बार जाम लगाया गया। डीएम चंद्रभूषण सिंह व एसएसपी अजय कुमार साहनी भी इन्हें समझाने पहुंचे। जाम लगाकर प्रदर्शन के मामले में सुरेंद्र नगर (क्वार्सी) निवासी ऐश्वर्या उर्फ प्रिया समेत दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है।
वीडियो फुटेज से की पहचान
एसएसपी अरजय सहानी ने बताया कि गांव वालों ने ही मृत गायों को दफनाया था। कुछ लोगों ने अराजकता का माहौल बनाने के लिए गायों को जमीन से निकलवाया। पोस्टमार्टम में इनकी मौत 35 घंटे पहले पाई गई है। वीडियो फुटेज के जरिये जाम लगाने वालों की पहचान करके रिपोर्ट लिखी गई हैं। आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना था कि ये गोवंश दफनाए गए थे, पर जिंदा बच गए। योगी सरकार व पुलिस विरोधी नारे भी लगे। वैसे, गायें किसने दफन कीं, यह स्पष्ट नहीं है। एक चश्मदीद ने बताया कि बुधवार रात इगलास पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी से गोवंश दफनाए गए थे। अफसरों ने सड़क पर पड़ीं छह जिंदा गायें अस्पताल भेजीं, जिनमें एक ने दम तोड़ दिया। दफनाई गईं 11 गायें भी ग्रामीणों की जिद पर पोस्टमार्टम के लिए भेजी गईं। इनकी मौत 35 घंटे पहले बताई गई है। जाम में फंसे लोग भी ग्रामीणों के साथ हो लिए। दोपहर 12 बजे तक तीन घंटे में पांच बार जाम लगाया गया। डीएम चंद्रभूषण सिंह व एसएसपी अजय कुमार साहनी भी इन्हें समझाने पहुंचे। जाम लगाकर प्रदर्शन के मामले में सुरेंद्र नगर (क्वार्सी) निवासी ऐश्वर्या उर्फ प्रिया समेत दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है।
वीडियो फुटेज से की पहचान
एसएसपी अरजय सहानी ने बताया कि गांव वालों ने ही मृत गायों को दफनाया था। कुछ लोगों ने अराजकता का माहौल बनाने के लिए गायों को जमीन से निकलवाया। पोस्टमार्टम में इनकी मौत 35 घंटे पहले पाई गई है। वीडियो फुटेज के जरिये जाम लगाने वालों की पहचान करके रिपोर्ट लिखी गई हैं। आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
नाजरीन ने खोली गोशाला, पाल रहीं 21 गायें
दादों की प्रधान नाजरीन बेगम ने बेसहारा गायों को बचाने की बेहतरीन कोशिश शुरू की है। दो दिसंबर को ही उन्होंने गोशाला की शुरुआत की है। यहां अभी तक 21 गोवंश हो चुके हैैं। इनकी देखभाल के लिए ग्रामीण गोरक्षा सेवा समिति बनाई गई है।