जेल में उन बंदियों के लिए स्मार्ट क्लास बनाई जा रहीं हैं जिनकी उम्र 18 से 21 वर्ष के बीच है। आडियो-विजुअल सिस्टम से सुसज्जित स्मार्ट क्लास बनाई जा रही है जिसमें इन्हें पढ़ाया जाएगा। डिप्टी जेलर संदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि यह उम्र जीवन का महत्वपूर्ण दौर है। जहां युवा अपना भविष्य तय करते हैं। इस उम्र के बंदियों के लिए खास योजना बनाई गई है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़।
हिंदी पढ़ना तो दूर, वे अपने हस्ताक्षर तक नहीं कर पाते। युवावस्था में प्रवेश करते ही एक गलत कदम ने उनका नाम अपराध से जोड़ दिया। ये दास्तां जेल के उन बंदियों की हैं, जिनकी उम्र 18 से 21 वर्ष के बीच है। इन्होंने पढ़ाई में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई। जेल प्रशासन इनके लिए सार्थक पहल कर रहा है। जेल में आडियो-विजुअल सिस्टम से सुसज्जित स्मार्ट क्लास बनाई जा रही है, जिसमें इन्हें पढ़ाया जाएगा।
कंप्यूटर व साउंड लगाए जाएंगे, ताकि उन्हें देख बंदी पढ़ाई के लिए आगे आकर भविष्य संवार सकें।
जेल में दो हजार चार सौ से अधिक कैदी-बंदी हैं। वर्तमान में 70 बंदी इग्नू से पढ़ाई कर रहे हैं। 10 बंदी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में हैं। 18 से 21 वर्ष की उम्र के बीच के 37 बंदी ऐसे हैं, जो निरक्षर हैं। सामान्य दिनचर्या के दौरान इन्होंने थोड़ी बहुत हिंदी पढ़ना-समझना तो सीख लिया, मगर इससे आगे नहीं सोचा।
क्या बोले डिप्टी जेलर?
डिप्टी जेलर संदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि यह उम्र जीवन का महत्वपूर्ण दौर है। जहां युवा अपना भविष्य तय करते हैं। जेल में बंद इस उम्र के बंदियों के लिए खास योजना बनाई गई है। एक कमरा आवंटित कर दिया गया है। इसमें कंप्यूटर व आडियो सिस्टम लगाया है। शुरुआती स्तर पर स्कूलों में चलने वाले पाठ्यक्रम को इन्हें पढ़ाया जाएगा।
इसके लिए उस सामग्री को पेन ड्राइव में रिकार्ड कर मानीटर पर चलाएंगे, ताकि बंदी आसानी में समझ सकें। रोजाना करीब दो घंटे की कक्षा चलाई जाएंगी। जेल के ही साक्षर बंदियों से इनकी पढ़ाई कराई जाएगी।
रक्षाबंधन के बाद संचालन की उम्मीद
जेल में यह क्लास बनकर तैयार हो गई है। कंप्यूटर, आडियो सिस्टम लगा दिए गए हैं। उनको इंस्टाल करने का काम बाकी हैं।
इन दिनों जेल प्रशासन स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के त्योहार की तैयारियों में जुटा है तो उसके बाद ही क्लास का संचालन होने की उम्मीद है। शुरुआत में इस क्लास को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसके सफल होने पर 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले बंदियों को भी शामिल किया जाएगा। भविष्य में सभी पाठ्यक्रम को रिकार्ड करके पढ़ाने पर जोर रहेगा।
जेल एक सुधार गृह है, जहां बंदियों को खुद को बेहतर बनाने का पूरा समय मिलता है। कई बंदी पढ़ाई कर रहे हैं। युवा बंदियों के लिए जेल में स्मार्ट क्लास बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य है कि बंदी दिलचस्पी के साथ पढ़ाई कर सकें। -
बृजेंद्र सिंह यादव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक
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