Prof. Naima Khatoon Interview: अलीगढ़ विवि की पहली महिला कुलपति की दैनिक जागरण से बातचीत, भविष्य की रणनीति पर की चर्चा
Prof. Naima Khatoon Exclusive Interview अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला कुलपति ने कमान संभाला है। ये गौरव प्रो. नईमा खातून को मिला है। प्रो. खातून के लिए यह जिम्मेदारी किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रोफेसर की आगे की क्या रणनीति है... इस बारे में दैनिक जागरण से बातचीत की।
संतोष शर्मा, अलीगढ़। देश-दुनिया में विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 104 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला कुलपति को कमान मिली हो। प्रो. नईमा खातून ने ये गौरव प्राप्त किया है। प्रो. नईमा के लिए यह यूनिवर्सिटी नई नहीं है।
उन्होंने यूनिवर्सिटी के वीमेंस कालेज से पढ़ाई की और वहीं 10 वर्ष प्रिसिंपल रहीं। उनके लिए यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी किसी चुनौती से कम नहीं है। परिसर में बेहतर माहौल देना पहली चुनौती है।
उन्होंने हास्टल खाली कराकर इतिहास रचा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि ग्रीष्मकालीन आवास में आवासीय हाल खाली हुए हों। नई जिम्मेदारी को किस तरह ले रही हैं? आगे की रणनीति क्या है? इसे लेकर दैनिक जागरण से बातचीत में अपनी योजना बताई...
आप 10 वर्ष एएमयू के वीमेंस कालेज की प्रिंसिपल रहीं। यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति बनी हैं। जिम्मेदारी को किस तरह देखती हैं?
कुलपति महिला हो या पुरुष उससे फर्क नहीं पड़ता। कुर्सी पर जो भी हो उसे यूनिवर्सिटी की समस्याओं को देखना और समाधान खोजना चाहिए।
प्रिंसिपल से कुलपति बनने पर किसी तरह का दबाव महसूस करती हैं क्या?
बड़ा संस्थान होता है तो समस्याएं भी बड़ी होती हैं। हमें समस्याओं के समाधान पर काम करना है। अगर यही मान लें कि कोई समस्या नहीं है तो ठीक नहीं है। पूरी टीम के साथ काम करके ही चीजों को सुधारा जा सकता है। 10 वर्ष वीमेंस कालेज की प्रिंसिपल रहीं, उसका अनुभव जरूर काम आएगा।यूनिवर्सिटी परिसर में बाहरी लोगों का प्रवेश बड़ी चुनौती है?
रजिस्ट्रार व प्रोवोस्ट इस पर काम कर रहे हैं। हास्टल में नए सिर से कमरे आवंटित होने से भी इसमें सुधार होगा। सालों से अवैध कब्जा जमाए अवैध छात्रों को बाहर किया गया है।
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