Move to Jagran APP

एएमयू के इतिहास में पहली महिला कुलपति बनीं प्रो. नईमा खातून, 10 वर्ष से वीमेंस कॉलेज में हैं प्रिंसिपल

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. नईमा खातून नई कुलपति बन गई हैं। एएमयू के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी महिला को कुलपति बनाया गया है। पांच महीने पहले पैनल राष्ट्रपति यानी विजिटर को भेजा गया था। इस पर सभी की निगाहें लगी हुई थीं। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद यह पत्र शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी कर दिया गया है।

By krishna chand Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 22 Apr 2024 11:37 PM (IST)
Hero Image
एएमयू के इतिहास में पहली महिला कुलपति बनीं प्रो. नईमा खातून।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. नईमा खातून नई कुलपति बन गई हैं। एएमयू के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी महिला को कुलपति बनाया गया है। 

पांच महीने पहले पैनल राष्ट्रपति यानी विजिटर को भेजा गया था। इस पर सभी की निगाहें भी लगी हुई थीं। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद यह पत्र शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी कर दिया गया है। उन्होंने सोमवार की रात कार्यवाहक कुलपति प्रो. मो. गुलरेज से कार्यभार भी संभाल लिया। प्रो. गुलरेज उनके पति हैं।

एएमयू में वीसी पैनल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नवंबर में पूरी होने के बाद प्रो. फैजान मुस्तफा, प्रो. एमयू रब्बानी और प्रो. नईमा खातून का नाम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया था। लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव बाद ही कुलपति की नियुक्ति के आदेश जारी होंगे। सोमवार को रात इस संबंध में आदेश जारी हो गए।

10 वर्ष से थीं वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल

प्रो. नईमा खातून ने जुलाई 2014 में वीमेंस कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में शामिल होने से पहले मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह जुलाई 2006 से प्रोफेसर हैं। अप्रैल 1998 से एसोसिएट प्रोफेसर और अगस्त 1988 से प्रवक्ता थीं। उनके पास राजनीतिक मनोविज्ञान में पीएचडी की डिग्री है।

अन्य उपलब्धियां

वर्तमान में अक्टूबर 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू के निदेशक के रूप में नियुक्त हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और पेपर प्रस्तुत किए हैं। 

उन्होंने अमेरिका के लुइसविले विश्वविद्यालय में भी दौरा किया है और व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने छह पुस्तकों का लेखन, सह-लेखन और संपादन किया है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में कई पत्र प्रकाशित किए हैं। 

उन्होंने 15 पीएचडी का पर्यवेक्षण किया है। एएमयू के मनोविज्ञान विभाग में आध्यात्मिक मनोविज्ञान पर यूजीसी सहायता प्राप्त विशेष सहायता कार्यक्रम के उप समन्वयक के रूप में भी काम किया। 

शिक्षाविदों के अलावा प्रो. नईमा खातून के पास शैक्षिक प्रशासन में व्यापक अनुभव है। उन्होंने इंदिरा गांधी हाल में और दो बार अब्दुल्ला हाल में प्रोवोस्ट के रूप में कार्य किया। उन्होंने आवासीय कोचिंग अकादमी के उप निदेशक और एएमयू के डिप्टी प्राक्टर के रूप में भी काम किया। वह महिला कॉलेज छात्र संघ के लिए दो बार चुनी गईं। 

उन्होंने अब्दुल्ला हाल और सरोजिनी नायडू हाल दोनों के साहित्यिक सचिव और वरिष्ठ हाल मॉनिटर का पद भी संभाला है। सर्वांगीण उत्कृष्टता के लिए उन्हें पापा मियां पद्म भूषण सर्वश्रेष्ठ लड़की पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पैनल में मिले थे सबसे कम वोट

एएमयू की ईसी और कोर्ट की बैठक के बाद अंतिम पैनल में प्रो. एमयू रब्बानी को सर्वाधिक 61 को वोट मिले थे। प्रो. फैजान मुस्तफा को 53 और प्रो. नईमा खातून को 50 वोट मिले थे। यह पैनल कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज की अध्यक्षता में बना था। प्रो. गुलरेज, प्रो. नईमा खातून के पति हैं।

हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला

कुलपति के पैनल में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रो. सैयद मुर्तजा रिजवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी मामले में जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. मुजाहिद बेग ने भी याचिका दायर की थी। 

हाईकोर्ट में दोनों याचिकाओं को मिलाकर सुनवाई की जा रही है। कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि कुलपति की नियुक्ति होने पर भी कोर्ट का आदेश प्रभावी होगा। इस मामले में 29 अप्रैल की तिथि नियत है। प्रो. नईमा खातून के कुलपति बनने की अफवाह इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की गईं।

एक वर्ष से खाली चल रहा था पद

एएमयू कुलपति का पद दो अप्रैल 2023 से खाली चल रहा था। पूर्व कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने इस्तीफा दे दिया था। वे इस समय भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एमएलसी हैं। उनके स्थान पर सह कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज को उनके स्थान पर कार्यवाहक कुलपति की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके कार्यकाल को भी एक वर्ष से अधिक का समय बीत गया है। प्रो. तारिक मंसूर को कुलपति का कार्यकाल 17 मई 2022 को खत्म होने के बाद एक वर्ष का विस्तार मिला था।

एएमयू की पहली महिला कुलपति प्रो. नईमा खातून के बनने पर डॉ. अन्नपूर्णा भारती ने बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इससे पीएम नरेन्द्र मोदी के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को बल मिलेगा। एएमयू के सर्वांगीण विकास में हर तरीके से सहयोग करेंगे। विश्वविद्यालय की पहचान सुधरेगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।