Ram Mandir Andolan: पिता ले रहे थे अंतिम सांसें, बेटे पर पुलिस ने लगाया NSA; कहानी कारसेवक अजय पटेल की
Ram Mandir Andolan अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है। सालों पहले जिस राम मंदिर के लिए आंदोलन हुआ वही मंदिर अब अयोध्या में बन गया है और प्रभु श्रीराम इसमें विराजमान होने वाले हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन में अलीगढ़ के एक खास चेहरे ने अहम भूमिका निभाई थी। अजय पटेल वो कारसेवक थे जो अपने पिता के पार्थिव शरीर को कंधा देने जेल से आए थे।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। कांग्रेस को पहली बार शहर विधानसभा सीट पर पराजित करने वाले दिवंगत पूर्व विधायक इंद्रपाल सिंह के बेटा अजय पटेल ने भी राम जन्मभूमि आंदोलन में संघर्ष किया था। भाजपा के शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में अक्टूबर, 1990 में श्रीराम जन्मभूमि रथ यात्रा निकाल कर 30 अक्टूबर, 1990 को कारसेवकों से अयोध्या पहुंचने का आह्वान किया था।
इससे घबराई मुलायम सिंह यादव सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए लखनऊ में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें प्रदेशभर के 1500 वरिष्ठ कारसेवकों सूची तैयार की गई, जिनमें 35 कारसेवक अलीगढ़ शहर के थे। पुलिस ने इन कारसेवकों को गिरफ्तार करने के लिए 11-12 अक्टूबर की रात एक साथ 26 स्थानों पर दबिश दी। इनमें अजय पटेल का जनकपुरी स्थित आवास भी शामिल था।
पिता की मौत और बेटे पर लगा एनएसए
अजय पटेल को गिरफ्तार कर अन्य कारसेवकों के साथ एनएसए में निरुद्ध किया गया। बाद में राज्यपाल ने कानूनी प्रक्रिया पर अपनी मुहर लगाई। उधर, पटेल के पूर्व विधायक पिता का आठ नवंबर की रात हार्ट अटैक पड़ने से निधन हो गया। अजय पटेल को इसकी जानकारी दी गई। कल्याण सिंह व हरनाथ सिंह यादव की पैरोकारी उनका एनएसए खत्म किया गया।जेल से निकलकर दिया था पिता को कंधा
जेल से आने के बाद अजय पटेल ने पिता के पार्थिव शरीर को कंधा दिया था। पटेल का कहना है कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। उनके पिता का भी अब सपना साकार होगा।
इंद्रपाल सिंह का ऐसा था राजनीतिक करियर
अजय पटेल के पिता इंद्रपाल सिंह 1952 से 1957 तक नगर पालिका परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे थे। उन्होंने हमेशा कांग्रेस के विरुद्ध संघर्ष किया था। 1967 से 1974 तक दो बार लगातार विधायक रहे। इसलिए अजय पटेल भी संघ विचारधारा के थे। उच्च शिक्षा के बाद वह सक्रिय राजनीति में उतरे, तो उन्हें 1990 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का महानगर महामंत्री बनाया गया था। तभी भाजपा, विहिप व बजरंग दल ने राम जन्मभूमि आंदोलन का बिगुल फूंक दिया।
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