अलीगढ़: जयंती पर अहिल्याबाई होल्कर को किया याद, मानवता के लिए समर्पित किया था जीवन
अलीगढ़ में परोपकार सामाजिक सेवा संस्था ने वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर उनके द्वारा नारी उत्थान और मानवता के लिए किए महान कार्यों को याद किया और छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
By Aqib KhanEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 05:34 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण टीम: परोपकार सामाजिक सेवा संस्था के तत्वावधान में महान समाज सेविका व वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की 297वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गांव सिकंदरपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्रामवासियों ने वीरांगना अहिल्याबाई के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने अहल्याबाई की जीवनी सुनाते हुए कहा कि वह कुशल शासक, सरलता व सादगी की प्रतिमूर्ति व मातृभूमि की सच्ची सेविका थीं। एक स्त्री होकर भी उन्होंने न केवल नारी जाति के उत्थान के लिए कार्य किए, अपितु समस्त पीड़ित मानवता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह एक उज्ज्वल चरित्र वाली पतिव्रता नारी, ममतामयी मां तथा उदार विचारों वाली वीर और साहसी महिला थीं। उन्होंने विधवाओं, अनाथों, अपंगों के लिए आश्रम खुलवाए।
कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक, द्वारिका से लेकर पुरी तक अनेक मंदिर, घाट, तालाब, बावड़ियां, दान-संस्थाएं, धर्मशालाएं, कुएं, भोजनालय खुलवाए। काशी का प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर तथा महेश्वर के मंदिर व घाट बनवाए। अपने राज्य की रक्षा हेतु अनुशासित सैनिक तथा महिला सैन्य टुकड़ियां बनवाई थी, जिसे यूरोपीय और फ्रांसिसी शैली में प्रशिक्षित करवाया था।
विकट परिस्थितियों में भी अपने जीवन की सार्थकता मानव-सेवा, प्रजा को सुख और शान्तिपूर्ण शासन देने में ही समझी। 72 वर्ष की अवस्था में 13 अगस्त 1795 में उनकी मृत्यु हो गई। इतने आघातों को सहकर भी उन्होंने इतने महान कार्य किए।
नीलेश कुमारी व गोविंद बघेल ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्जन सिंह ने व संचालन रामहरि सिंह ने किया। इस अवसर पर अमित बघेल, ललित बघेल, राहुल, अभिषेक, कैलाश, नीरज, रोहित, भूरी सिंह, अरमान, कुंजबिहारी, काजल, गीता, प्रिया, लता, राजबाला, रजनी, सीता, कमलेश, मोहिनी, आयुषी, अंजली, अरविंद बघेल, भगवती प्रसाद, मनोज शर्मा, सुभाष बघेल, बलवीर, राकेश, अमर सिंह, रामबाबू, भोला, पुष्पेंद्र, पवन, रमेश, गजेंद्र कुशवाह, राजू आदि मौजूद रहे।
मानवता के लिए जीवन किया समर्पितकार्यक्रम में अहल्याबाई के कार्यों को याद करते हुए बताया कि वह एक कुशल शासक, सरलता व सादगी की प्रतिमूर्ति व मातृभूमि की सच्ची सेविका थीं। एक स्त्री होकर भी उन्होंने न केवल नारी जाति के उत्थान के लिए कार्य किए, अपितु समस्त पीड़ित मानवता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह एक उज्ज्वल चरित्र वाली पतिव्रता नारी, ममतामयी मां तथा उदार विचारों वाली वीर और साहसी महिला थीं। उन्होंने विधवाओं, अनाथों, अपंगों के लिए आश्रम खुलवाए।
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