RSS : फिर शाखाएं लगेंगी घर में..परिवार भी होगा शामिल Aligarh News
पिछले साल कोरोना के चलते आरएसएस ने पार्क और खुले मैदान में शाखाओं को बंद कर दिया था। अधिकतर कार्यक्रम आनलाइन हुए थे। साथ ही शाखा घरों में लगी थीं। स्वयंसेवक अपने घरों की छत लान बरामदे आदि में शाखा लगाते थे।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Thu, 22 Apr 2021 11:35 AM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। पिछले साल कोरोना के चलते आरएसएस ने पार्क और खुले मैदान में शाखाओं को बंद कर दिया था। अधिकतर कार्यक्रम आनलाइन हुए थे। साथ ही शाखा घरों में लगी थीं। स्वयंसेवक अपने घरों की छत, लान, बरामदे आदि में शाखा लगाते थे। इसमें परिवार के सभी सदस्य शामिल होते थे। इस बार फिर आदेश आ गया है कि कोरोना को देखते हुए घरों में शाखाएं शुरू कर दें। पार्क और खुले मैदान में शाखा कतई न लगाएं। अलीगढ़ विभाग में 300 से अधिक शाखाएं हैं, जो घरों में लगेंगी।
कई बार संघ पर प्रतिबंध लगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई थी। तभी से आरएसएस की शाखाएं खेल के मैदान और खुले स्थान पर लगा करती हैं। हालांकि, इस बीच कई बार संघ पर प्रतिबंध लगा तो कुछ समय के लिए शाखाएं बंद रहीं, उसके बाद फिर अनवरत चलती रहीं। पार्क में एक घंटे की शाखा में योग-व्यायाम, खूलकूद, बौद्धिक सुभाषित, गीत आदि कार्यक्रम होते हैं। यहीं से स्वयंसेवकों का निर्माण होता है। फिर इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता है। कुछ स्वयंसेवक पूर्णकालिक प्रचारक भी निकलते हैं। इस प्रकार संघ की सबसे बड़ी ताकत एक घंटे की लगने वाली शाखा है। इसी शाखा के माध्यम से संघ ने पूरे देश में विभिन्न आयाम खड़े किए हैं, जो सतत चलते रहते हैं। मगर, मार्च 2020 में कोरोना का कहर बढ़ने से आरएसएस की शाखाएं प्रभावित हो गईं, जबकि विषम परिस्थितियों में भी यह लगती रहीं। पिछले साल करीब तीन महीने शाखाएं नहीं लग पाईं। अप्रैल, मई और जून तो पूरी तरह से बंद रहीं। स्वयंसेवकों ने अपने-अपने घरों पर शाखाएं लगाईं। घर पर ही योग-व्यायाम, खेलकूद, गीत आदि कार्यक्रम होते थे। स्वयंसेवक लान, छह और बरामदे में शाखा लगा रहे थे। इस बार फिर मार्च से कोरोना तेजी पकड़ने लगा था। अप्रैल में तो यह पूरे ऊफान पर है। हर कोई दशहत में है। ऐसे में आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर निर्णय लिया कि शाखाएं बंद कर दी जाएं।
नियमों का सख्ती से पालनपिछले साल की तरह फिर घरों में ही लगाई जाएं। इससे अलीगढ़ में करीब 120, अतरौली में 80, खैर में 75 और हाथरस में 143 के करीब शाखाओं को पार्क और खुले मैदान में बंद कर दिया गया है। स्वयंसेवकों को निर्देश दिया गया है कि वह पार्क आदि में खेलने और शाखा लगाने न जाएं। सभी कार्यक्रम आनलाइन चलेंगे। इसलिए बैठकें भी वर्चुअल शुरू हो गई हैं। गोष्ठी आदि भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हो रही हैं। जिला कार्यवाह जगदीश का कहना है कि हमें नियमों का पूरी तरह से पालन करना है। क्योंकि निमय पालन करने में स्वयंसेवक सबसे आगे रहते हैं। इसलिए कोरोना की गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जा रहा है। स्वयंसेवक घर पर ही शाखा लगा रहे हैं। जगदीश ने बताया कि संघ का काम इतना अनुशासित होता है कि घर पर भी आसानी से हो सकता है। इसलिए सभी स्वयंसेवक सुबह उठकर प्रतिदिन शाखा लगा रहे हैं। एक घंटे तक योग-व्यायाम, खेलकूद, गीत आदि कार्यक्रम होते हैं। जगदीश बताते हैं कि अच्छी बात है कि परिवार के सदस्य भी शामिल हो रहे हैं। महिलाओं को भी शाखा में शामिल होने का मौका मिल रहा है। इससे उन्हें भी संघ के बारे में जानकारी मिलेगी।
राष्ट्र सेवा है कर्तव्य विभाग कार्यवाह योगेश आर्य का कहना है कि राष्ट्रसेवा हम सभी का मुख्य उद्देश्य है। संघ स्थान पर भी हम लोग देश के प्रति सोचते हैं। देश के लिए यदि कहीं कोई जरूरत पड़ती है तो स्वयंसेवक करने के लिए तत्पर रहता है। योगेश ने कहा कि घर पर भले ही शाखाएं लग रही हैं, मगर स्वयंसेवक पूरी तरह से संघ स्थान की तरह ही मेहनत कर रहे हैं। वह सारे नियमों का पालन करके संघ स्थान के कार्यक्रम करा रहे हैं। संघ स्थान पर देशभक्ति के गीत गूंज रहे हैं। परिवार के लोगों का भी इसमें शामिल होना सुखद है। क्योंकि संघ स्थान पर परिवार का एक या दो सदस्य ही जा पाता है। घर पर शाखा लगने से पूरे परिवार के सदस्य शामिल होते हैं। इससे उनके अंदर भी देशभक्ति की भावना जागृत होगी।
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