पापा-दो और आतंकी रह गए हैं, इन्हें मारकर आऊंगा; आखिरी बार पिता से बातचीत में सचिन लौर ने किया लौटने का वादा, पार्थिव शरीर देखकर बिलखे स्वजन
जम्मू कश्मीर के राजौरी में बलिदान हुए पैराट्रूपर सचिन का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम सवा पांच बजे टप्पल इंटरचेंज पर पहुंचा। यहां से तिरंगा यात्रा के रूप में पार्थिव शरीर गांव लाया गया जिसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा। देशभक्ति के नारों से क्षेत्र गूंज उठा। कोई छत से फूल बरसा रहा था तो किसी ने नमन करके सचिन को श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। पापा, एक मकान में हमने आंतकियों को घेर लिया है। सबको मार गिराया है। बस दो आतंकी रह गए हैं। इन्हें मारकर घर लौट आऊंगा। गुरुवार को आखिरी बार पिता से बातचीत में सचिन लौर ने पिता रमेश चंद को यही भरोसा दिलाया, मगर बुरी खबर आई तो पिता मायूस हो गए। बोले कि बेटा तो शहीद हो ही गया। अब कुछ नहीं बचा।
उन्होंने इच्छा जताई कि गांव में दोनों तरफ गेट बन जाएं। खेल मैदान बने। बेटे की याद में एक सड़क बन जाए। राजस्व राज्य मंत्री ने दो गेट बनवाने की घोषणा की है। इसके लिए ग्राम प्रधान को स्थान चिह्नित करने के लिए कहा गया है।
शादी की चल रही थीं तैयारियां
जिसके सिर पर सेहरा सजना था, वह तिरंगे में लिपटकर आया। जवान बेटे को मौन देखकर न जाने कैसे बूढ़े माता-पिता ने खुद को संभाला। उनकी आंखों में आंसू थम नहीं रहे थे, मगर जहन में बेटे के बलिदान होने का गर्व भी था।
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बचपन से कमांडो बनना चाहता था बेटा
पिता के अनुसार सचिन बचपन से ही कमांडो बनना चाहता था। कहता था कि कमांडो बनकर देखूंगा ये लोग हमारे फौजियों को कैसे मारते हैं। मैं भी उन्हें मारूंगा। ये बताते हुए पिता के गले से आवाज निकल नहीं पाई। इधर, मां भगवती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। वे बोलीं कि बेटे तूने आने का वादा किया था। लेकिन, तू नहीं आया।
आधा घंटा घर पर रखा पार्थिव शरीर
बहन सावित्री भाई के चेहरे को निहारते हुए बिलख रही थीं। पार्थिव शरीर को करीब आधा घंटा घर पर रखा गया, जिसके बाद अंत्येष्टि स्थल पर ले गए। यहां एसएसपी कलानिधि नैथानी, सीडीओ आकांक्षा राणा, एसपी देहात पलाश बंसल, सीओ राजीव द्विवेदी, इंस्पेक्टर पंकज कुमार मिश्रा सहित पुलिस के जवान, प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर दिया।
देररात प्रभारी मंत्री ने परिवार को सौंपा चेक
प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण शुक्रवार को देररात बलिदानी के गांव पहुंचे। यहां पर इन्होंने अन्य जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अफसरों के साथ प्रदेश सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक परिवार को दिया।
डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार और प्रशासन की संवेदनाएं बलिदानी के परिवार के साथ हैं। सरकार की ओर से गांव तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क का नाम भी बलिदानी के नाम पर करने का निर्णय लिया है।
दिनभर रहे राजस्व राज्य मंत्री व सांसद
इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान, सांसद सतीश गौतम, भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला दिनभर गांव में रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता श्योराज सिंह भी आ गए। इधर, एसएसपी कलानिधि नैथानी, सीडीओ आकांक्षा राणा, एसपी देहात पलाश बंसल शाम छह बजे गांव पहुंचे। पार्थिव शरीर को घर से अंत्येष्टि स्थल तक ले जाने के दौरान एसएसपी ने कंधा भी दिया।
दोस्तों के नहीं थमे आंसू
सुबह से ही सचिन के घर पर लोगों का आना शुरू हो गया। कई दोस्त मौजूद थे, जिनके साथ खेलकूद कर सचिन बड़े हुए। हर किसी को पार्थिव शरीर के आने का इंतजार था। जब पार्थिव शरीर आया तो किसी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सभी ने अपने दोस्त के बलिदान को नमन किया।