Window of Memories : एएमयू के मैदान में पहुंचकर यादों में खो गए ओलंपियन जफर इकबाल
Window of Memories खेल दिवस के अवसर पर जब पद़्मश्री ओलंपियन डा जफर इकबाल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचे तो पुराने दिनों की यादें ताजा हो गयीं। वे कुछ देर तक एएमयू को निहारने के बाद उसी मैदान में जा पहुंचे जहां से उन्हें प्रसिद्धी मिली।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 07:49 AM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Window of Memories : उनके लिए कुछ नया नहीं था। वही मैदान। वही एएमयू। जहां पढ़े। हाकी थामी। यहीं अभ्यास किया। गुर सीखे। राष्ट्रीय स्तर पर खेले। प्रसिद्धी पाई। अपनी पहचान बनाई। अलीगढ़ को पहचान दी। कुछ देर इधर-उधर देखते Padma Shri Olympian Dr. Zafar Iqbal पुरानी यादों में खो गए। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर यहां आए थे। वे AMU Hockey Ground पर गए। यहां खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाया। आयोजित prize distribution program में स्पर्धाओं के विजेताओं को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाड़ियों से विशेष लगाव व सरकार की Khelo India-Fit India जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रशंसा की। खिलाड़ियों से आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम करें।
बड़े लक्ष्य के लिए कठोर परिश्रम की जरूरत : डा. इकबाल ने एएमयू के छात्र जीवन में अपने बचपन के दिनों को याद कर भावुक होते हुए कहा कि एक बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए बड़े लक्ष्य और कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है। जिस हाकी ग्राउंड पर यह कार्यक्रम हो रहा है, इससे हमारा जज्बाती रिश्ता है। मैं यहां आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने अपने छात्र जीवन के कई साथियों को याद कर उनके किस्से बताएं ।
प्रतिभाओं को तराशें प्रशिक्षक : डा. जफर इकबाल ने अन्य खेलों की तरह योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए praise of baba ramdev की। उन्होंने कहा कि खेलना व फिट रहना खिलाड़ी बनने के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। उन्होंने स्वीकार किया कि एएमयू से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सुविधाएं और संसाधन बढ़े हैं। एएमयू की धरती से अपने जैसे खिलाड़ी पैदा न होने के सवाल पर कहा कि यह कुलपति का अपना विचार है। प्रशिक्षकों को चाहिए कि वे मन लगाकर खेल प्रतिभाओं को तैयार करें।
एएमयू की धरती से दूसरा जफर इकबाल क्यों नहीं : प्रो. मंसूरVice Chancellor Prof. Tariq Mansoor ने एएमयू गेम्स कमेटी के खेल प्रशिक्षकों से सवाल किया कि सभी सुविधाओं के बावजूद 1977 के बाद से कोई दूसरा जफर इकबाल क्यों नहीं पैदा हो रहा है? कुलपति ने खेल प्रशिक्षकों से कहा कि वह प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें तथा यूनिवर्सिटी के विभिन्न हालों के प्रोवोस्ट, वार्डन एवं शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि छात्रों को खेलने एवं व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें। एएमयू में खेल सुविधाओं का अभाव नहीं है। बस जरूरत है नए संकल्प के साथ खेल के लिए मेहनत करने की।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।