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सत्र पूरा होने से एक महीने पहले ही बंद कर दी साथा चीनी मिल

नए सत्र की शुरुआत से ही जर्जर साथा चीनी मिल तकनीकी कमियों से उबर नहीं पाई। मिल न चल पाने की स्थिति में प्रबंधन ने सत्र पूरा होने से एक माह पहले रविवार को मिल बंद करने का फैसला लिया। मिल बंद की सूचना मिलने पर यार्ड में खड़े गन्ना किसानों ने गेट के बाहर जमकर हंगामा किया।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 21 Feb 2022 01:43 AM (IST)
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सत्र पूरा होने से एक महीने पहले ही बंद कर दी साथा चीनी मिल

अलीगढ़ : नए सत्र की शुरुआत से ही जर्जर साथा चीनी मिल तकनीकी कमियों से उबर नहीं पाई। मिल न चल पाने की स्थिति में प्रबंधन ने सत्र पूरा होने से एक माह पहले रविवार को मिल बंद करने का फैसला लिया। मिल बंद की सूचना मिलने पर यार्ड में खड़े गन्ना किसानों ने गेट के बाहर जमकर हंगामा किया। यार्ड में गन्ने से लदी ट्रालियों को लेने की बात कही। किसानों ने चीफ कैमिस्ट एके सिंह के साथ बदसलूकी करते हुए धक्का मुक्की कर डाली। सूचना पर पुलिस पहुचने पर दूसरे मिल में गन्ना ले जाने की बात कहने पर मामला शांत हो सका।

जानकारी मिलने पर किसान नेता प्रमेंद्र राणा मिल ने पहुंच कर प्रबंधन पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। कहा, मिल प्रबंधन को एक दिन पहले सूचना देनी चाहिए थी। वहीं अभी तक दैनिक भोगी कर्मचारियों का वेतन भी नहीं दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।

बता दें कि इस बार भी चीनी मिल किसानों की उम्मीद पर खरी नहीं उतर सकी। कभी तकनीकी कारणों से तो कभी कर्मचारियों के भुगतान को लेकर कई बार मिल बंद रही। कार्यदायी कंपनी बालाजी सोल्युशन एवं मिल प्रबंधन के लिए मिल चलाना पूरे सत्र में चुनौती बना रहा। गन्ना की पेराई के आंकड़े को देखते हुए चीनी भी मानक के अनुसार नहीं बन सकी, क्योंकि गन्ना पेराई से निकलने वाला रस खेतों और बंबे में ही बह गया जिसको रोकने में कार्यदायी कंपनी के अधिकारी नाकाम रहे।

पेराई सत्र एक माह देर से 25 दिसंबर को शुरू हुआ। मिल शुरू करने से पहले 85 लाख रुपये उसकी ओवर हालिग पर खर्च किए गए। ओवरहालिग में बायलर से लेकर टरवाइन तक बदले गए हैं। इतनी लागत के बाद यह माना गया कि मिल पूरी क्षमता से चलेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस सत्र में छह लाख कुंतल गन्ने की पेराई के मिले लक्ष्य का पीछा करते हुए मिल ने पौैने दो लाख कुंतल गन्ने की पेराई की है, जिससे 465 सौ बोरी सफेद एवं दो हजार बोरी ब्राउन चीनी बन सकी। जबकि मानक के अनुसार एक कुंतल गन्ने से साढ़े नौ किलो चीनी तैयार की जाती है जो मानक के अनुसार मिल को घाटा ही दिखा रही है।

चीफ कैमिस्ट ने लगाए गंभीर आरोप

मिल के चीफ कैमिस्ट एके सिंह ने बताया महाप्रबंधक राम शंकर ने साजिश के तहत गन्ना किसानों को उकसाकर मेरे साथ अभद्रता कराई है जबकि मेरा इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। मिल को चलाना एवं बंद करने का निर्णय महाप्रबंधक का होता है। जबकि मिल प्रबंधक ने खुद ओवरहालिग में घोटाला किया है जिसकी जांच की जानी चाहिए। जिसकी शिकायत मेरी पत्नी एवं लड़की ने मौखिक जवां थाने में जाकर की है। वहीं इस बारे में एसओ जितेंद्र सिंह ने बताया इस प्रकार की कोई तहरीर नहीं आई है। वहीं इस बारे में मिल के महाप्रबंधक राम शंकर का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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