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Sawan 2022: सावन माह आज से शुरू इस बार पड़ रहे चार सोमवार, ऐसे करें भगवान शिव की आराधना

Sawan 2022 शिव मंदिरों में भगवान शिव की अराधना करेंगे। इस बार सावन मास में चार सोमवार पड़ रहे हैं। सावन मास 12 अगस्त को समाप्त होगा। शहर में जीटी रोड स्थित अचल सरोवर के पास अचलेश्वर महादेव मंदिर खैर रोड पर खेरेश्वर मंदिर सहित कई शिव मंदिर हैं।

By Aqib KhanEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 10:18 AM (IST)
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Sawan 2022: सावन माह आज से शुरू इस बार पड़ रहे चार सोमवार, भगवान शिव की ऐसे करें आराधना

अलीगढ़, जागरण संवाददाता: सावन (श्रावण) मास गुरुवार से शुरू हो रहा है। शिव मंदिरों में भगवान शिव की अराधना करेंगे। इस बार सावन मास में चार सोमवार पड़ रहे हैं। सावन मास 12 अगस्त को समाप्त होगा। शहर में जीटी रोड स्थित अचल सरोवर के पास अचलेश्वर महादेव मंदिर, खैर रोड पर खेरेश्वर मंदिर, जयगंज में पिपलेश्वर महादेव सहित कई शिव मंदिर हैं। सावन के महीने में इन मंदिरों पर श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई देता है। सावन के महीने को लेकर देर रात तक मंदिरों की सफाई और सजावट होती रही।

ये है महत्व

श्रावण अथवा सावन हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना या 'पावस ऋतु' भी कहा जाता है, क्योंकि इस समय बहुत वर्षा होती है। इस माह में अनेक महत्त्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें 'हरियाली तीज', 'रक्षाबंधन', 'नागपंचमी' प्रमुख हैं। 'श्रावण' यानी सावन माह में भगवान शिव की अराधना का विशेष महत्त्व है। इस माह में पड़ने वाले सोमवार "सावन के सोमवार" कहे जाते हैं, जिनमें स्त्रियां तथा विशेषतौर से कुंवारी युवतियां भगवान शिव के निमित्त व्रत रखती हैं।

महादेव को प्रिय है सावन

पंडित हृदय रंजन बताते हैं कि सावन माह के बारे में एक पौराणिक कथा है कि "जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो भगवान भोलेनाथ ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया।

ऐसे करें भगवान शिव की अराधना

सावन मास में भगवान शंकर की पूजा उनके परिवार के सदस्यों संग करनी चाहिए। इस माह में भगवान शिव के 'रुद्राभिषेक' का विशेष महत्त्व है।

श्रावण मास में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा निगम

श्रावस मास में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर को चार सेक्टरों में विभाजित कर विभागीय अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए हैं।

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि गुरुवार से श्रावण मास का प्रारंभ हो रहा है, जो 12 अगस्त तक मनाया जाएगा। खेरेश्वर महादेव मंदिर सहित सभी शिवालयों में जलाभिषेक करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।

रामघाट रोड, जीटी रोड, अचल ताल और खैर रोड पर व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाएंगी। सेक्टर एक में क्वार्सी चौराहा से रामघाट रोड, पड़ाव दुबे चौराहा, गांधी पार्क क्षेत्र के सेक्टर प्रभारी सीटीओ विनय राय, सेक्टर दो में गांधी पार्क से पत्थर बाजार, देहलीगेट, उदयसिंह जैन रोड, खेरेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र के सेक्टर प्रभारी यूएनए राज किशोर प्रसाद, सेक्टर तीन में मैलरोज बाईपास से जीटी रोड, नादा पुल, खेरेश्वर महादेव मंदिर तक सेक्टर प्रभारी एसएनए ठाकुर प्रसाद सिंह, सेक्टर चार में इगलास रोड से मथुरा बाईपास, स्लाटर हाउस, नादा पुल, खेरेश्वर महादेव मंदिर तक सेक्टर प्रभारी केएनए आरपी सिंह को बनाया गया है।

सभी सेक्टरों में स्वास्थ्य विभाग, निर्माण, पथ प्रकाश, राजस्व विभाग के 35 अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहेंगे। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एमके माथुर सफाई व्यवस्था देखेंगे। जीएम जल अनवर ख्वाजा प्रमुख धार्मिक स्थल, चौराहों पर वाटर टैंकर की व्यवस्था कराएंगे। अधिशासी अभियंता अशोक भाटी सड़कों को व्यवस्थित कराएंगे।

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