UP: वर्चस्व की लड़ाई में 7 साल में हुईं सात हत्याएं, शरद गोस्वामी की हत्या व सजल के जेल जाने पर थमा सिलसिला
अलीगढ़ में बाइकर्स गैंग के दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई काफी लंबे समय तक चला। इस लड़ाई में एक-दो नहीं सात जानें गईं। यह खूनी खेल वर्ष 2010 में विनय कटियार की हत्या के बाद शुरू हुआ था। विनय की हत्या का बदला लेने की आग में जल रहे लोगों का दूसरे गुट से सामना हुआ तो 2012 में एक और हत्या हो गई। ये सिलसिला चलता रहै।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 17 Sep 2023 01:15 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शरद गोस्वामी की हत्या बाइकर्स गैंग के दो गुटों की रंजिश में हुई थी। यह खूनी खेल वर्ष 2010 में विनय कटियार की हत्या के बाद शुरू हुआ था। इसके बाद दोनों तरफ से सात लोगों की हत्याएं हुईं। कई बार हमले हुए। दोनों गुट इलाके में अपना वर्चस्व कायम करना चाहते थे। इसके लिए आए दिन टकराव होता था। इसके चलते रामघाट रोड पर फायरिंग व हुड़दंग के किस्से आम थे। शरद की हत्या व सजल के जेल जाने के बाद धीरे-धीरे यह सिलसिला खत्म हो गया।
विनय की हत्या के बाद बाइकर्स ने खूब मचाया था उत्पात
अलीगढ़ में दो बाइकर्स गैंग थे, जिनमें एक को बाहरी कहा जाता था। इसमें ज्यादातर लड़के बाहर या अलीगढ़ के गांव-देहात क्षेत्र से शहर में आकर बसे थे। दूसरा गैंग स्थानीय लड़कों का था। विनय की हत्या के बाद उसके गुट के बाइकर्स ने खूब उत्पात मचाया था। राहगीरों से मारपीट, दुकानों व वाहनों में तोड़फोड़ की थी। तभी से इनका कहर शुरू हो गया। यह गुट विनय की हत्या का बदला लेना चाहता था। वर्ष 2012 में दोनों गुटों का आमना-सामना हुआ, जिसमें एक पक्ष के कपिल उर्फ लाला की हत्या कर दी गई।
ऐसे जारी रहा हत्या का सिलसिला
इसके चार वर्ष बाद 2016 में कपिल के पिता की भी हत्या कर दी गई थी। इससे पहले चार नवंबर 2014 को बीनू कालिया की हत्या हुई थी, जो विनय कटियार हत्या में जेल काटकर बाहर आया था। इसके बाद सजल चौधरी पर हमला हुआ था। इसी रंजिश का बदला लेने के लिए सजल ने शूटर बुलाकर शरद की हत्या कराई। इस हत्या के बाद एक अप्रैल को हरदुआगंज में जीतू चौधरी की हत्या की गई थी। वर्ष 2016 में शरद, जीतू व कपिल के पिता की हत्या से गुस्साए इस गुट के लोगों ने मई 2017 में धीरा ठाकुर की हत्या करके बदला लिया था।इसे भी पढ़ें, बहुचर्चित शरद गोस्वामी केस में कोर्ट ने सजल चौधरी समेत सात दोषियों को सजा
‘ये इंतकाम की रात है’ फिर बरसीं गोलियां
इस घटना में आरोपित बेबी को पुलिस ने मुख्य शूटर बताया था, जो फरार है। उस समय बेबी ने पुलिस को बताया था कि शरद व जीतू की हत्या रुपयों के लिए नहीं, सजल की दोस्ती के लिए की थी। घटना वाले दिन शरद व उसके साथी जश्न मना रहे थे, उसी रात सजल ने एक फ्लैट में सभी को उकसाते हुए कहा, ‘ये इंतकाम की रात है।’ वो रंजिश का जख्म अभी भरा नहीं है, जो 2012 में मिला था। पुलिस ने सजल चौधरी व उसके साथियों की गिरफ्तारी उस समय के एक विधायक के आवास से की थी, जिसे फरारी हाउस नाम दिया गया था।इसे भी पढ़ें, Aligarh News: युवक की मौत मामले में आया नया मोड़, घरवालों ने पत्नी और उसके प्रेमी पर लगाया हत्या का आरोप
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