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संक्रमण से लडऩे के लिए अलीगढ़ मंडल में बने छह और नए कोरोना के अस्पताल

अलीगढ़ जिले में तीन व हाथरस एटा व कासगंज में एक-एक अस्पताल नया बना है। आइसोलेशन बैड की भी क्षमता बढ़ाई गई है। मंडल भर में 1375 और नए आइसोलेशन बैड बना दिए गए हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Updated: Sat, 23 May 2020 04:20 PM (IST)
संक्रमण से लडऩे के लिए अलीगढ़ मंडल में बने छह और नए कोरोना के अस्पताल
अलीगढ़ (जेएनएन)।  कोरोना संक्रमण से लडऩे के लिए अलीगढ़ मंडल ने भी अब पुख्ता तैयारी कर ली है। मंडल के चारों जिलों में अब छह और नए कोरोना हॉस्पीटल तैयार हो गए हैं। इनमें अलीगढ़ जिले में तीन व हाथरस, एटा व कासगंज में एक-एक अस्पताल नया बना है। इसके अलावा आइसोलेशन बैड की भी क्षमता बढ़ाई गई है। मंडल भर में 1375 और नए आइसोलेशन बैड बना दिए गए हैं।

लड़ाई में मील के पत्थर होंगे साबित 

मंडलायुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मंडल में फिलहाल कोरोना वायरस के निवारक एवं उपचारक उपायों के लिए छह नए लेवल वन कोरोना हॉस्पीटल तैयार किए गए हैं। यह इस लड़ाई में मील का पत्थर साबित होंगे। अलीगढ़ जिले में 300 बैड के जीवन ज्योति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, 200 बैड के विजन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आगरा रोड व 225 बैड के साई आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सारसौल को कोरोना अस्पताल के रूप में स्वीकृति दे दी गई है। यह सभी अतरौली व हरदुआगंज के हॉस्पीटल की तरह काम करेंगे। इसी तरह एटा में भी 200 बैड की क्षमता वाले जनता डिग्री कालेज, हाथरस में केसीएन महाविद्यालय को 200 बैड की क्षमता का और कासगंज में जवाहर नवोदय विद्यालय सहावर को 250 बैड क्षमता का डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर एवं चिकित्सालय के रूप में अधिसूचित गया है। इससे मरीजों को अच्छे ढंग से इलाज किया जा सकेगा। 

अलीगढ़ में यह हैं व्यवस्थाएं 

क्वारंटाइन सेंटर: जिले में छेरत होम्योपैथी कॉलेज, एसीएन कॉलेज, जेडी हॉस्पिटल में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां संक्रमित मरीजों के स्वजनों व संपर्क में आए अन्य लोगों को रखा जाता है। दो से तीन दिन में यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो कोविड-19 हॉस्पिटल (लेबल-01, लेबल-2 या लेबल-3) में शिफ्ट कर दिया जाता है। निगेटिव आने पर घर भेज दिया जाता है। यह तीन शिफ्टों में स्टाफ की ड्यूटी रहती है। एक शिफ्ट में एक डॉक्टर समेत पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति रहती है। 

लेबल-1 कोविड हॉस्पिटल

हरदुआगंज सीएचसी व अतरौली के 100 बेड हॉस्पिटल  लेबन-01 कोविड हॉस्पिटल के रूप में संचालित हैं। यहां वे मरीज रखे जाते हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जाता। दोनों हॉस्पिटल में छह डॉक्टरों समेत 25 सदस्यीय टीम की तीन शिफ्ट में 14 दिन के लिए ड्यूटी होती है। 14 दिन बाद दूसरी टीम आ जाती है और पहली को होटल आदि में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाता है। 

लेबल-2 व लेबल-3 अस्पताल

लेबल-2 हॉस्टिपल में हल्के-फुल्के लक्षण व लेबल-3 में गंभीर रूप से बीमार संक्रमित मरीजों का इलाज होता है। दोनों ही अस्पतालों में वेंटीलेटर आदि अनिवार्य है। यहां दीनदयाल अस्पताल को लेबल-2 व मेडिकल कॉलेज को लेबल-3 की  सुविधा के लिए रखा गया है, मगर इस समय लेबल-2 व लेबल-3 के मरीजों को मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती किया जा रहा है। सभी तरह के कोविड हॉस्पिटल में मरीजों को नाश्ता, मध्यान्ह व रात्रि भोजन की व्यवस्था की गई है। सभी तरह की जांच व दवा आदि का खर्चा सरकार वहन कर रही हैं। इसके लिए 100 रुपये प्रति मरीज देय है।

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