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इस सीट से अब तक सपा का नहीं खुला है खाता, जीत की संभावनाएं देख पार्टी लगाएगी दांव; हाईकमान लेगा टिकट का फैसला

Lok Sabha Elections 2024 गठबंधन के बाद प्रदेश में सभी सीटें लगभग फाइनल होते ही टिकट को लेकर स्थानीय स्तर पर खींचतान बढ़ गई है। यूपी के इस सीट से सपा चुनाव लड़ेगी। टिकट किसको दी जाए इसका निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा। टिकट के दावदारों की जीत की संभावनाएं देखते हुए ही पार्टी निर्णय लेगी। इसके लिए पूर्व और वर्तमान में दावेदारों की स्थिति भी देखी जा रही है।

By Santosh Sharma Edited By: riya.pandey Updated: Sat, 02 Mar 2024 10:09 PM (IST)
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यूपी के इस सीट से सपा लड़ेगी चुनाव
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस संग गठबंधन कर प्रदेश में अधिकतर सीटें अपने नाम करवा चुकी सपा मजबूत दावेदारों पर दांव लगाएगी। विशेषकर उन लोकसभा सीटों पर जहां अभी तक पार्टी का खाता नहीं खुला है। अलीगढ़ लोकसभा सीट इन्हीं में एक है।

कांग्रेस का हाथ छोड़कर साइकिल पर सवार हुए पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह तो दावदारों की कतार में खड़े ही हैं, पूर्व विधायक राकेश सिंह और पूर्व विधायक भगवान शर्मा की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। नया नाम पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सामने आया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से इनकी मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं।

गठबंधन के बाद प्रदेश में सभी सीटें लगभग फाइनल होते ही टिकट को लेकर स्थानीय स्तर पर खींचतान बढ़ गई है। अलीगढ़ से सपा चुनाव लड़ेगी। टिकट किसको दी जाए, इसका निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा। टिकट के दावदारों की जीत की संभावनाएं देखते हुए ही पार्टी निर्णय लेगी। इसके लिए पूर्व और वर्तमान में दावेदारों की स्थिति भी देखी जा रही है।

अलीगढ़ से खाता खोल नहीं सकी सपा

अलीगढ़ लोकसभा सीट पर नजर डालें तो सपा इस सीट पर अब तक खाता नहीं खोल सकी। 2004 में लोकसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस प्रत्याशी चौ. बिजेंद्र सिंह सांसद बने थे। 2009 में बसपा की राजकुमारी चौहान जीतकर सांसद बनीं। इसके बाद हुए दो चुनावों में भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम सांसद बने। अलीगढ़ सीट जीतने के लिए सपा के वरिष्ठ नेता जातीय समीकरण भी बैठा रहे हैं। जाट, क्षत्रिय और ब्राह्मण प्रत्याशी को लेकर मंथन चल रहा है। प्रबल दावेदारी भी इन्हीं में से है।

चर्चा है कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को यहां से चुनाव लड़ने का आफर दिया गया है। 1989 से 1991 तक वह अलीगढ़ से सांसद रह चुके हैं। तब वह जनता दल में थे। 1996 में सपा से चुनाव लड़े और हार गए। सपा उन पर फिर दांव खेल सकती है। जिला महासचिव मनोज यादव बताते हैं कि टिकट को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष ही लेंगे।

मजदूर, किसानों, युवाओं से संवाद कर रही कांग्रेस, लगाए होर्डिंग

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ठा. संतोष सिंह जादौन ने बताया कि अलीगढ़ सीट पर आइएनडीआइए गठबंधन प्रत्याशी को जिताने के लिए समस्त पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुट गए हैं। प्रत्याशी सपा से होगा, हम सहयोगी के रूप में गांव-गांव जाकर मजदूर, किसानों और बेरोजगारों से संवाद किया जा रहा है। लोगों को भाजपा की कथनी और करनी का अंतर बताते हुए जागरूक कर रहे हैं।

पार्टी की विचारधारा का समर्थन करने वाले प्रधानों, पूर्व प्रधानों व अन्य लोगों को जोड़ते हुए सक्रिय कर दिया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बैठकों को आयोजन शुरू कर दिया है। वहीं, शहर से लेकर देहात तक जगह-जगह होर्डिंग लगाएं हैं, जिनमें सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वायदा किया कर रहे हैं। ये होर्डिंग पार्टी की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं।

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