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देशभर की खेल प्रतिभाओं को एनएससीआइ का कवच, गतिविधियों में आएगी पारदर्शिता Aligarh news

खेल जगत से जुड़ी प्रतिभाओं के लिए सरकार ने बड़ी राहत की पहल की है। मिनिस्ट्री आफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोट्र्स की ओर से सभी 55 स्पोट्र्स फेडरेशन को नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड आफ इंडिया (एनएससीआइ) को लागू करने का फरमान जारी कर दिया गया है।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 06:41 AM (IST)
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खेल जगत से जुड़ी प्रतिभाओं के लिए सरकार ने बड़ी राहत की पहल की है

गौरव दुबे, अलीगढ़ : खेल जगत से जुड़ी प्रतिभाओं के लिए सरकार ने बड़ी राहत की पहल की है। मिनिस्ट्री आफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोट्र्स की ओर से सभी 55 स्पोट्र्स फेडरेशन को नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड आफ इंडिया (एनएससीआइ) को लागू करने का फरमान जारी कर दिया गया है। नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने सबसे पहले इसको लागू करने की घोषणा भी कर दी है। इससे खिलाड़ियों को तमाम मुसीबतों व अड़चनों से छुटकारा तो मिलेगा ही, साथ मेें मान्य खेल एसोसिएशन ही खेलों को करा सकेंगी। 

साई करेगी खेल फेडरेशन को फंडिंग

नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड आफ इंडिया (एनएससीआइ) के लागू होने से जिला या राज्य एसोसिएशन में भी पारदर्शिता आएगी। इनमें वर्षों से काबिज पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। स्पाेट्र्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) भी उन्हीं खेल फेडरेशन को फंडिंग करेगी जो इस कोड को अपनाकर काम करेंगे। अब नेशनल फेडरेशन से लेकर राज्य व जिला एसोसिएशन तक हर गतिविधि पारदर्शी व नियमों के दायरे में रहेंगी। यही नहीं, खेल संघों में लबे समय तक चुनाव न कराना, एक ही पद पर 10 से 15 सालों से काबिज रहकर राजनीति व मठाधीशी करने का खेल खत्म हो जाएगा। भाई-भतीजावाद में खिलाड़ियों को इस मठाधीशी का काफी हद तक शिकार होना पड़ता था, जो अब नहीं होगा। 

ये होंगे फायदे

सभी खेल संघ इस कोड को अपनाते हुए संस्था, पदाधिकारी, वित्तीय व चुनाव संबंधी सभी जानकारी अपलोड करेंगे। जो अमान्य खेल संघ होंगे वे फीडिंग ही नहीं करेंगे। अगर करेंगे भी तो सर्वर पर पकड़े जाएंगे। अभी हर कोई सोसायटी एक्ट में पंजीकरण का दावा करते हुए रजिस्ट्रार आफिस का पत्र पेश कर देता है। इससे खिलाड़ी भी गुमराह होते हैं। एक ही जिले में कई फर्जी एसोसिएशन के फेर में खिलाड़ी ठगे नहीं जाएंगे। 

15 साल से चुनाव नहीं

अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेफरी व खिलाड़ी वेदप्रकाश शर्मा ने खेल संघ का नाम लिए बिना बताया कि जिले में वे भी एक खेल संघ के आजीवन सदस्य हैं लेकिन पिछले 18 साल से उनके पास चुनाव कराने जैसा कोई पत्र या जानकारी नहीं आई। 10-15 साल से एक ही पद पर पदाधिकारी काबिज हैं। अब व्यवस्था सुधरेगी। 

आरटीआइ के दायरे में आएंगे संघ

कोड व्यवस्था के साथ काम करने वाला हर खेल संघ आरटीआइ के दायरे में भी आएगा। हालांकि 2005 से ही खेल संघों को आरटीआइ के दायरे में लाया गया था। मगर कानूनी दांव-पेंच से कई खेल संघ अपनी मनमानी कर आरटीआइ के तहत जवाब नहीं देते थे। मगर अब सभी आरटीआइ के दायरे में आएंगे।

अभिभावक नहीं होंगे गुमराह

मान्यता प्राप्त खेल संघ के अलावा तमाम अकादमी संचालक अपना पंजीकरण स्टेट एसोसिएशन से दिखाकर दुकान चलाते हैं। अब खेल संघों के जरिए ही खिलाड़ी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेगा। इससे अभिभावक गुमराह नहीं होंगे। मान्य खेल एसोसिएशन में ही बच्चे का पंजीकरण कराकर प्रशिक्षण दिलाएंगे।

प्रशिक्षण, प्रतियोगिता सबकी देंगे जानकारी

कोड सिस्टम से जुड़े खेल एसोसिएशन को अब समय-समय पर प्रशिक्षण कैंप व प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराना होगा। अभी पदाधिकारी सिर्फ कागजों पर प्रतियोगिता दर्शा देते हैं। अब विधिवत सूचना के साथ प्रतियोगिता कराने की जानकारी व उसके परिणाम आदि सार्वजनिक किए जाएंगे।

70 वर्ष की आयु सीमा भी

किसी भी खेल संघ में 70 वर्ष से अधिक का कोई भी पदाधिकारी नहीं होगा। इसके साथ ही एक पद पर अधिकतम दो बार (चार-चार साल) के लिए पदाधिकारी रहेंगे। हर चार साल बाद चुनाव प्रक्रिया अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। जिला व प्रदेश कार्यकारिणी की जानकारी भी सार्वजनिक होगी।

खिलाड़ियों के बोल

मान्य खेल संघ होगा तो खिलाड़ी भी फर्जीवाड़े से बचेगा। पारदर्शिता न होने से पता ही नहीं? चलता कि प्रतियोगिता किसकी ओर से कराई जा रही है? इसके प्रमाणपत्र की वैल्यू भी होगी या नहीं? ये शानदार फैसला है।

राहुल सैनी, निशानेबाज, जयपुर

कई खेलों की एसोसिएशन में लंबे समय से बैठे पदाधिकारी ट्रायल से लेकर सेलेक्शन तक में अपनी मनमानी चलाते हैं। इससे तमाम प्रतिभाएं चमकने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। पारदर्शिता आना जरूरी है।

आयशा फलक, ट्रैप शूटर, दिल्ली

इनका कहना है

सरकार की ओर से एनएससीआइ की व्यवस्था की गई है। इसका स्वागत करते हैं। इस संबंध में सभी खेलों की नेशनल व स्टेट बाडी को पत्र जारी किया जा रहा है। बेहतर होगा कि सरकार इसको मजबूती से फाइनल कर सभी के लिए समानरूप से लागू कर दे।

डा. आनंदेश्वर पांडेय, कोषाध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ

सभी खेल संघों को इस कोड का पालन करना है। नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया ने इसको तत्काल लागू कर दिया है। ये खेल व खिलाड़ी हित में फैसला है।

राजीव भाटिया, सचिव, नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया

मान्य व अमान्य खेल संघों की लड़ाई खत्म होगी जिससे खिलाड़ियों का फायदा होगा। आनंदेश्वर सर की ओर जिले व यूपी में व्यवस्था कायम कराने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।

मजहर उल कमर, सह संयुक्त सचिव, यूपी ओलंपिक एसोसिएशन

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