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हाथरस के सादाबाद से BSP विधायक रामवीर उपाध्याय ने कहा- 2016 के बाद अखिलेश यादव से नहीं मिला

Suspended BSP MLA Ramveer Upadhyay हाथरस की सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय ने मंगलवार को लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलने की सूचनाओं का खंडन किया है। वह हाथरस में ही हैं उनका सपा में जाने का कोई इरादा नहीं है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 15 Jun 2021 05:03 PM (IST)
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हाथरस की सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय
हाथरस, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी से निलंबित बागी विधायक और कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि वह 2016 के बाद से कभी भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से नहीं मिले हैं। वह हाथरस में ही हैं और फिलहाल उनका समाजवादी पार्टी में जाने का कोई भी इरादा नहीं है।

हाथरस की सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय ने मंगलवार को लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलने की सूचनाओं का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वह 2016 के बाद आज तक अखिलेश यादव से नहीं मिले हैं। वह सुबह से हाथरस में ही हैं। जहां तक उनका समाजवादी पार्टी में शामिल होने का सवाल है, वह तो सपा में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।

रामवीर उपाध्याय जनपद में भ्रमण पर थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में जब सिकंदराराऊ विधायक था और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब विधानसभा सत्र के दौरान उनसे मुलाकात हुई थी। उसके बाद आज तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैं बसपा का बागी नहीं हूं। आज भी बसपा का ही विधायक हूं। मैं कई दिनों से लखनऊ गया ही नहीं। आज सुबह से ही जिले में भ्रमण पर निकला हूं। मंगलवार की सुबह पौने आठ बजे भाजपा के स्थानीय कार्यालय पर गया था। वहां प्रदेश सह संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर भारद्वाज से मुलाकात की थी।

लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुआ था निलंबन

लोकसभा चुनाव 2019 के कुछ दिन बाद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पूर्व मंत्री बसपा विधायक रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रामवीर उपाध्याय पर लोकसभा चुनाव में अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी समेत कई सीटों पर पार्टी का अंदरखाने विरोध करने का आरोप था। इसके बाद उन्हेंं पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया था। 

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