Dev Deepawali 2022 : देवों के देव महादेव का निकला डोला, 51 हजार दीपों से जगमग हो उठा अचल सरोवर
Dev Deepawali 2022 देव दीपावली पर अचल सरोवर 51 हजार दीपों से जगमगा उठा। जगमगाते दीपों की कतार आतिशबाजी की रोशनी से जगमग होता आसमान पानी में झिलमिलाती दीपों की छाया और हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा सरोवर।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 02:26 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Dev Deepawali 2022 : जगमगाते दीपों की कतार, आतिशबाजी की रोशनी से जगमग होता आसमान, पानी में झिलमिलाती दीपों की छाया और हर-हर महादेव के जयकारों के बीच शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, ये किसी देवलोक का नहीं बल्कि, देव दीपावली पर अलीगढ़ के ऐतिहासिक अचल सरोवर का मनोरम दृश्य था। सोमवार को श्री गिलहराज मंदिर और दैनिक जागरण के तत्वावधान में भव्य आयोजन हुआ। अचलेश्वर महादेव व श्री गिलहराज मंदिर परिसर में 51 हजार दीपों से पूरा परिसर जगमग हो उठा। भारतीय संस्कृति की छटा बिखेरते हुए बाल कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। महादेव का डोला चला तो सैकड़ों भक्त झूमते-गाते रहे। महंत कौशलनाथ के निर्देशन में महाआरती करते हुए दीपोत्सव मनाया गया। अन्य मंदिरों में भी हजारों दीप प्रज्वलित कर देव दीपावली मनाई गई।
17वां देव दीपावली महोत्सव
प्राचीन सिद्धपीठ श्री गिलहराज जी हनुमान मंदिर में 17वां देव दीपावली महोत्सव आयोजित किया गया। महंत कौशलनाथ ने बताया कि वर्ष 2004 में 51 दीपों से इस महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी, जो 2022 में 51 हजार दीपों की श्रृंखला का रूप ले चुका है। भविष्य में एक लाख दीपों से महोत्सव मनाने का प्रयास रहेगा। महंत कौशलनाथ, पंडित विनोद महाराज, पंडित अमित झा, पंडित कृष्णा चंद्र शर्मा और अमलेश अग्रवाल ने महाआरती की। दीपोत्सव में जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि प्रवीण राज सिंह, पूर्व भाजपा विधायक संजीव राजा, डा. राजीव अग्रवाल, सुनील कौशल राजीव शर्मा, डा. मुकेश शर्मा भी महाआरती में शामिल हुए।आकर्षण को केंद्र बनी रंगाेली
मंदिर परिसर में श्रीराम व श्री हनुमान जी के गले मिलते हुए रंगोली हो या देव दीपोत्सव की रंगोली हो, ये भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र रहीं। आशी रंगाेली टीम से आशी, नीलिमा, प्रिया व शिवानी और गौरव, राधे-राधे रंगाेली टीम से रजनी रानी, नीलम, पिंकी, गुंजन, बबिता, महविश, शिवानी, नंदनी, रिचा व दिव्या ने रंगोली सजाई।इसे भी पढ़ें : Hathras News : शुक्र अस्त देवोत्थान के बाद शुरू नहीं हो सके विवाह, 23 नवंबर से गूंजेगी शहनाई
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