कल्याण सिंह की अनगिनत यादें संजोए है अलीगढ़ का राज पैलेस Aligarh news
शहर के बीचों बीच मैरिस रोड स्थित राज पैलेस (कल्याण का निजी निवास) पूर्व मुख्यमंत्री की अगिनत यादें संजोए है। वह जब भी अलीगढ़ आते थे तो अपना ज्यादातर समय यहीं व्यतीत करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासनिक अफसरों का भी यहां जमावड़ा रहता था।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। शहर के बीचों बीच मैरिस रोड स्थित राज पैलेस (कल्याण का निजी निवास) पूर्व मुख्यमंत्री की अगिनत यादें संजोए है। वह जब भी अलीगढ़ आते थे तो अपना ज्यादातर समय यहीं व्यतीत करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रशासनिक अफसरों का भी यहां जमावड़ा रहता था। प्रदेश ही नहीं देश भर के नेताओं का कल्याण सिंह के मुलाकात करने के यहां आना-जाना लगा रहता था। वह एक-एक पखवाड़े तक यहां रहते थे। राज पैलेस से उन्हेंं इतना लगवा था कि वह दिल्ली के अधिकतर कार्यक्रमों में भी शामिल होने के लिए यहीं से जाते थे।
अलीगढ़ के इर्द गिर्द चलती थी प्रदेश की राजनीति
कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहते अलीगढ़ के इर्द गिर्द की पूरे प्रदेश की राजनीति चलती थी। जब भी कल्याण सिंह अलीगढ़ आते थे तो इनके साथ ही प्रदेश के बड़े-बड़े अफसरों का काफिला साथ में चलता था। नेताओं की भी भीड़ रहती थी। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री पद के दूसरे कार्यकाल के दौरान 1996 में मैरिस रोड स्थित एक जमीन पर कार्यालय की नींव रखी गई थी। शुरुआत में यह कर्मचारी व पार्टी कार्यकर्ताओं के बैठने के लिए कार्यालय बनाया गया था, लेकिन कुछ सालों बाद यह एक भवन में तब्दील हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसका नाम राज पैलेस रखा। बाद में यह भवन पूरे में खूब चॢचत हुआ। प्रदेश के बड़े-बड़े नेता भी यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात करने आते थे। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल की राजनीति की विरासत अब उनके बेटे राजवीर सिंह राजू भैया व उनके पौत्र प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संदीप सिंह के हाथों में है।
आठ बार रहे विधायक
भले ही कल्याण सिंह अतरौली तहसील क्षेत्र के गांव मढ़ौली के रहने वाले थे और अतरौली विधानसभा क्षेत्र से लगातार आठ बार विधायक रहे, मगर अलीगढ़ से लगाव कम नहीं रहा। उनका मानना था कि साथ मिलकर चलने से ही देश व प्रदेश का विकास होगा।