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UP PCS J: अलीगढ़ की रवीना ने ब‍िना कोच‍िंग पूरा क‍िया न्‍याय‍िक अधि‍कारी बनने का सपना, बताया क्‍या है लक्ष्‍य

स्वर्ण जयंती नगर निवासी रवीना के पिता प्रदीप कुमार डीएस कॉलेज के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर हैं। 2018 में रवीना ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएएलएलबी की पढ़ाई पूरी की। फिर पीसीएस (जे) परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। तब भी वे परीक्षा में बैठी थीं। पर दूसरे प्रयास में सफल हो गईं। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा परिणाम की टॉप-10 सूची में उनका आठवां स्थान है।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 11:21 PM (IST)
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रवीना का सपना न सिर्फ पूरा हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में नाम रोशन भी किया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। UP PCS J Results 2022: कानून की पढ़ाई कर पिछले पांच वर्ष से न्यायिक अधिकारी बनने की तैयारी कर रहीं रवीना का सपना न सिर्फ पूरा हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में नाम रोशन भी किया है। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा परिणाम की टॉप-10 सूची में उनका आठवां स्थान है। अब उनका लक्ष्य हाईकोर्ट न्यायाधीश बनने का है।

स्वर्ण जयंती नगर निवासी रवीना के पिता प्रदीप कुमार डीएस कॉलेज के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर हैं। 2018 में रवीना ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएएलएलबी की पढ़ाई पूरी की। फिर पीसीएस (जे) परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। तब भी वे परीक्षा में बैठी थीं। पर, दूसरे प्रयास में सफल हो गईं।

रवीना बताती हैं कि उन्होंने कभी कोचिंग नहीं ली। सीनियर्स की गाइडलाइन व खुद तैयार किए नोट्स की मदद से पढ़ाई की। प्रतिदिन छह से आठ घंटे पढ़ाई करने को नियम बना लिया था। इस सफलता में माता-पिता के साथ सीनियर्स का भी पूरा सहयोग रहा। अब हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनना लक्ष्य है। इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।

रवीना ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग, ट्यूशन से बेहतर है कि अपने नोट्स बनाकर उनसे तैयारी की जाए। सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि छोटे भाई अमन ने पटियाला से बीटेक किया है। अब मुंबई से एमबीए कर रहा है। वह भी अपने लक्ष्य को हासिल करेगा, ऐसी आशा है।

सहायक अभियोजन अधिकारी आलोक ने पाया लक्ष्य

अलीगढ़ में 2021 से सहायक अभियोजन अधिकारी पद पर कार्यरत आलोक वर्मा पीसीएस (जे) परीक्षा पास कर न्यायिक अधिकारी बन गए हैं। मूलरूप से फतेहपुर की तहसील बिंदकी निवासी आलोक ने एक्स सर्विसमैन कोटे में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उनका दूसरा प्रयास था। इससे पूर्व उन्होंने भारतीय वायुसेना में 20 वर्ष देकर सार्जेंट पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। उनकी पत्नी शशि वर्मा प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं।

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