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डायसिस आफ लखनऊ की 100 अरब की जमीन बेची, 16 पर केस दर्ज Prayagraj News

एक अरब की जमीन बेचने के मामले में बिशप समेत सोसाइटी के पदाधिकारियों पर नामजद केस दर्ज हुआ। यह जमीन इंडियन चर्च ट्रस्टीज डायसिस ऑफ लखनऊ के अधीन है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 15 Jul 2019 10:04 AM (IST)
डायसिस आफ लखनऊ की 100 अरब की जमीन बेची, 16 पर केस दर्ज Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। इंडियन चर्च ट्रस्टीज, डायसिस ऑफ लखनऊ के अधीन आने वाली 100 अरब की जमीन बेचकर रुपये की बंदरबांट करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि कूटरचित, फर्जी और जाली दस्तावेजों के जरिए सिविल लाइंस की सौ अरब की जमीन दूसरी संस्थानों में फर्जी तरीके से ट्रांसफर कर बेचा गया। मामले में बिशप डायोसिस आफ लखनऊ, मेट्रोपोलियन चर्च ऑफ इंडिया जॉन अगेस्ट्रीन ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। अरबों की संपत्ति हेरफेर के मामले में बिशप समेत 16 पदाधिकारियों को नामजद किया गया है।

राजाजीपुरम, लखनऊ के रहने वाले बिशप जॉन अगेस्ट्रीन ने केस दर्ज कराया

इंडियन चर्च ट्रस्टीज के अधीन आने वाली डायोसिस आफ लखनऊ, चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन आदि संस्थानों की संपत्तियों को लेकर पहले भी मुकदमे दर्ज होते रहे हैं। इस बार राजाजीपुरम, लखनऊ के रहने वाले बिशप जॉन अगेस्ट्रीन ने सिविल लाइंस थाने में 16 बड़े पदाधिकारियों को नामजद करते हुए कई अज्ञात पर केस दर्ज कराया है। 

यह हैं नामजद

नामजद किए गए लोगों में पीसी सिंह, पीपी मरांडी, पीके समन्तोराय, एल्वान मसीह, जयंत अग्रवाल, पाल दुपहरे पीपी हाविल, बिशप पीटर बलदेव, सुरेश जैकब, राजीव चंद्र, एआर स्टीफन, एचआर मल, मार्विन मैसी, प्रेम मैसी, अशोक विश्वास, प्रबल दत्ता, शशि प्रकाश हैं। सभी पर आरोप है कि फर्जी सोसाइटी, एसोसिएशन बनाकर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए डायसिस आफ लखनऊ, 25 महात्मा गांधी मार्ग, सिविल लाइंस की अरबों की संपत्ति का बंदरबांट किया। 

ट्रस्ट की जमीन दूसरी संस्थाओं को ट्रांसफर कर उसे बेच दिया

सौ अरब की जमीन का विक्रय फर्जी तरीके से किया। ट्रस्ट की जमीन दूसरी संस्थाओं को ट्रांसफर कर उसे बेच दिया। आला अफसरों के निर्देश पर सिविल लाइंस पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री, डीजीपी से मिले बिशप

फर्जी तरीके से ट्रस्ट की सौ अरब की जमीन बेचने का मुकदमा दर्ज कराने वाले बिशप जॉन अगेस्ट्रीन ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी ओपी से मुलाकात कर दस्तावेज सौंपे। जांच के बाद सिविल लाइंस थाने में गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ। जॉन अगेस्ट्रीन का कहना है कि सौ अरब की जमीन तो महज प्रयागराज में बेची गई। देशभर में अरबों की संपत्ति हड़पी गई है। उनका आरोप है कि फर्जी सोसाइटी, ट्रस्ट बनाकर यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है।

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