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मुरादें पूरी करते हैं पड़िला महादेव

By Edited By: Updated: Sun, 11 Aug 2013 08:10 PM (IST)

इलाहाबाद : पड़िला में पांडेश्वरनाथ महादेव मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों ने कराया था। इस मंदिर की गिनती प्रयाग के पंचकोसी परिक्रमा में होती है। मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।

अज्ञातवाश के दौरान पांडव पड़िला में आकर काफी समय तक रुके थे। उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की और मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर की प्रसिद्धि आस-पास के कई जिलों में है। प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, जौनपुर, रायबरेली, भदोही, वाराणसी जिलों के लोग मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। सावन के महीने में पूरे माह कांवरिए गंगाजल, ध्वजा-पताका, बेलपत्र, धतूरा आदि लेकर महादेव का दर्शन करने आते हैं। इस महीने निरंतर रामकथा भी होती है। मैहर की कथावाचक साध्वी अन्नपूर्णा की रामकथा चल रही है। सावन में पूरे माह और शिवरात्रि पर तीन दिन का मेला यहां लगता है। मलमास के महीने में दूर-दराज से लोग जलाभिषेक के लिए मंदिर में आते हैं। वहीं, हर वर्ग के लोगों को ठहरने के लिए यहां धर्मशाला की भी व्यवस्था है। जिसमें रहने के साथ खानपान का भी इंतजाम है। जगह-जगह प्याऊ भी लगे हैं। प्रत्येक सोमवार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। पुजारी कृष्ण कुमार गिरि और दिनेश कुमार बताते हैं कि यह सिद्धपीठ मंदिर है,यहां आने वालों की झोली खाली नहीं रहती है। उनकी मुरादें पड़िला महादेव पूरी करते हैं।

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