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प्रयागराज में पीएम मोदी को सुनने के लिए भीड़ आती गई और परेड में समाती गई

पुलिसकर्मी सभी वाहनों को सलीके से आगे बढ़ा रहे थे क्योंकि उन्हें यह बात पहले ही बताई गई थी। परेड मैदान पर भीड़ को अपनी मंजिल मालूम थी। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस थी तो स्वयंसेवी संगठनों के स्वयं सेवकों ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Wed, 22 Dec 2021 06:40 AM (IST)
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कुंभ की तर्ज पर हुआ क्राउड मैनेजमेंट, कार्यक्रम स्थल के साथ ही बाहर भी बरती गई सतर्कता

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में भीड़ को संभालने के लिए कुंभ जैसा क्राउड मैनेजमेंट था। जितनी सतर्कता परेड मैदान के अंदर, उससे कहीं ज्यादा बाहर। परेड मैदान में प्रवेश करने वाले हर मार्ग पर व्यवस्था चाकचौबंद। भीड़ आती गई और परेड मैदान में समाती गई, वो भी निर्बाध।

भीड़ संभालने के लिए स्वयंसेवक, महिला मोर्चा और स्काउट गाइड भी लगे थे 

परेड मैदान के प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी लगे थे। प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं महिलाओं को न सिर्फ कार्यक्रम स्थल तक जाने का रास्ता बताया जा रहा था, बल्कि उनके वाहन कहां खड़े होंगे, इस बात की जानकारी भी दी जा रही थी। नए यमुना पुल के साथ झूंसी की ओर से आने वालों के लिए बाकायदा परेड मैदान के पास पार्किंग स्थल पर बोर्ड भी लगाया गया था। इसमें वाहनों को कहां खड़ा करना है, इस बात की जानकारी भी दी गई थी। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मी सभी वाहनों को सलीके से आगे बढ़ रहे थे, क्योंकि उन्हें यह बात पहले ही बताई गई थी। परेड मैदान पर भी कहीं कोई भटकाव नहीं, भीड़ को अपनी मंजिल मालूम थी। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस तो तैनात थी ही, स्वयंसेवी संगठनों के स्वयं सेवकों ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी। पार्टी की महिला बिग्रेड ने महिलाओं को संभालने की जिम्मेदारी उठा रखी थी। स्काउट के बच्चे भी लगे थे।

पानी के दर्जनों टैंकर लगाए गए

कार्यक्रम स्थल के साथ ही परेड मैदान में दर्जनों पानी के टैंकर लगाए गए थे। चलित शौचालयों की व्यवस्था भी की गई थी। कार्यक्रम में शामिल होने आईं महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा गया था। ड्यूटी में तैनात महिला पुलिसकर्मी भी महिलाओं से बार-बार पूछ रही थीं कि कोई परेशानी तो नहीं है।

अधिकारियों के लिए थी परीक्षा

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीन लाख से अधिक महिलाओं को एक स्थान पर बुलाना और सकुशल कार्यक्रम संपन्न कराना आसान नहीं था। अधिकारियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन पूरी व्यवस्था ऐसी बनाई गई कि कहीं भी अव्यवस्था का नामोनिशान नहीं रहा। सब कुछ सफलता पूर्वक पूरा हो गया और फिर अफसरों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि, इस पूरे कार्यक्रम को सकुशल निपटाने को लेकर पुलिस-प्रशासन के अफसर दस दिन से लगे थे। 24 घंटे पहले सब कुछ तय हो गया था और अफसरों को यह विश्वास भी हो गया था कि कार्यक्रम में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं उत्पन्न होगा।