Kanpur Police Encounter Effect : पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत 40 गैंग लीडर व गुर्गे पुलिस के रडार पर Prayagraj News
पुलिस गैंग के फरार लीडर व गुर्गों की तलाश में जुट गई है। गुजरात की जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद का गैैंग खास तौर पर निशाने पर हैं।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 07 Jul 2020 04:19 PM (IST)
प्रयागराज, [ताराचंद्र गुप्ता]। कानपुर के बिकरू गांव की घटना के बाद जिले के कुख्यात और शातिर अपराधी पुलिस के निशाने पर फिर आ गए हैं। ऐसे सभी बदमाशों के खिलाफ शिकंजा कसने की कवायद शुरू हो गई है जिनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे हैं। गिरोह बनाकर हत्या, लूट, छिनैती करने वालों के साथ ही भू-माफिया, गोहत्या व गोतस्करी में लिप्त लोगों का पता लगाया जा रहा है।
प्रयागराज में कुल 40 माफिया गैंग रजिस्टर्ड हैंप्रयागराज में कुल 40 माफिया गैंग रजिस्टर्ड हैं। पुलिस, गैंग के फरार लीडर व गुर्गों की तलाश में जुट गई है। गुजरात की जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद का गैैंग खास तौर पर निशाने पर हैं। रजिस्टर्ड गैंग नकी निगरानी बढ़ा दी गई है। मुकदमों में जमानत लेकर जेल से बाहर घूमने वाले और घटनाओं को अंजाम देने वालों की जमानत निरस्त कराई जाएगी। जमानतदारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। अपराधियों को संरक्षण देने वाले सफेदपोशों पर कार्रवाई की तैयारी है। जिनके भी खिलाफ पांच से अधिक मुकदमे हैं, उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी और असलहों का लाइसेंस निरस्त कराया जाएगा।
पूर्व सांसद अतीक का गैैंग सबसे बड़ापुलिस रिकार्ड में पूर्व सांसद अतीक अहमद का इंटर स्टेट यानी आइएस-227 सबसे बड़ा गैंग है। इसमें उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कुल 121 सदस्य हैं। दूसरा गैंग जोन स्तर पर वारदात करने वाले मांडा निवासी तेरसू कोल का आइजेड- 226 है, इसमें 13 सदस्य हैं। तीसरा गैंग रेंज स्तर पर वारदात अंजाम देने वाले कोरांव के महेंद्र मिश्रा का आइआर-227 है, जिसमें 19 सदस्य हैं। चौथा धूमनगंज निवासी पार्षद व हिस्टीशीटर बच्चा पासी का डी-46 है, इसमें 15 सदस्य हैं।
नए सदस्यों के जोड़े जाएंगे नामसंबंधित थानों की पुलिस फिलहाल गैंग के लीडर व गुर्गों का सत्यापन कर रही है। जिस गैंग के साथ नए बदमाश काम कर रहे हैं, उनका नाम जोड़ा जाएगा। अगर किसी की मौत हो गई है तो उसका नाम हटाया जाएगा।
बोले एडीजी जोन प्रेम प्रकाशएडीजी जोन प्रेम प्रकाश कहते हैं कि इंटर स्टेट से लेकर ड्रिस्ट्रिक्ट स्तर के गैंग लीडर व गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुराने मुकदमों में जमानत निरस्त कराने के साथ ही उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी।
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