फिल्म अभिनेत्री कंगना को मिला अखाड़ा परिषद का समर्थन Prayagraj News
सच की आवाज को दबाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार ने कंगना के कार्यालय पर बुलडोजर चलवाया है और बदले की कार्रवाई की है। अखाड़ा परिषद इसका विरोध करता है।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 10 Sep 2020 02:09 PM (IST)
प्रयागराज,जेएनएन। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का भी समर्थन मिला है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कंगना को देश की बेटी बताया है। कहा कि कंगना हिम्मत वाली बेटी हैं, जिन्होंने बॉलीवुड के माफियाओं और ड्रग माफियाओं के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न केवल बॉलीवुड के माफिया डर गए हैं, बल्कि सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं।
फिल्म अभिनेत्री की आवाज को महाराष्ट्र सरकार ने दबाने का प्रयास किया यही वजह है कि सच की आवाज को दबाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार ने कंगना के कार्यालय पर बुलडोजर चलवाया है और बदले की कार्रवाई की है। अखाड़ा परिषद इसका विरोध करता है। महाराष्ट्र सरकार ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट की कार्यालय पर बुलडोजर चलवा कर गलत किया है। इसका खामियाजा भुगतना पडेगा। बहादुर कंगना महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई का डटकर मुकाबला करेंगी। पूरा देश बहादुर बेटी के साथ है।
असमय मृतकिन्नरों के लिए काशी में होगा सामूहिक पिंडदानअसमय मृतकिन्नरों की आत्मा की तृप्ति के लिए मोक्ष की नगरी काशी में सामूहिक पिंडदान व तर्पण किया जाएगा। पितृपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर 16 सितंबर को समस्त मृतक किन्नरों के निमित्त अनुष्ठान किया जाएगा। साल भर में जिन किन्नरों की असमय मृत्यु हुई है उनकी आत्मा की शांति के लिए किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में काशी के पिशाचमोचन कुंड में मंत्रोच्चार के बीच तर्पण व पिंडदान किया जाएगा। सनातन धर्मावलंबी पितृपक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण करते हैं, लेकिन अधिकतर किन्नरों को उनके परिवार के लोग त्याग देते हैं। वे किन्नर घरानों से जुड़कर जीवनयापन करते हैं। साल भर में मार्ग दुर्घटना, आत्महत्या व हत्या से जिन किन्नरों की मृत्यु हुई है उनके निमित्त किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी कुछ वर्षों से काशी में सामूहिक पिंडदान करती हैं। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि सनातन धर्म में पिंडदान का बहुत महत्व है। इस धाॢमक कार्य को पूरी परंपरा के अनुसार पूर्ण किया जाएगा। किन्नर अखाड़ा प्रयागराज की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने कहा कि सनातन धर्म की परंपरा को नियमानुसार पूर्ण करने को हम प्रतिबद्ध हैं। धाॢमक परंपराओं का निर्वाहन करते हुए पिंडदान व तर्पण किया जाएगा।
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