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आखिर बड़े बच्चों को लेकर कैसे कूदी थी महिला, प्रयागराज में तीन बच्चों ओर मां की मौत का रहस्यमय केस

विवाद के बाद रेनू ने फोन पर मायके वालों के साथ ही नैनी में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी कर रहे पति से भी बातचीत की थी। तब पति ने कहा था कि वह सुबह आकर देखेगा। मगर आरोप है कि पति ने मकान खाली करने के लिए कहा था।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Mon, 23 Aug 2021 06:15 PM (IST)
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रात में घर से निकलने पर नहीं हुई थी तलाश, आत्महत्या की थ्योरी पर उठ रहे कई सवाल
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। बच्चियों की उम्र 10 और 12 साल। बेटा आठ साल का था। इसमें कोई मासूम नहीं था, जिसे गोद में लेकर या हाथ पकड़कर कोई महिला तालाब में छलांग लगा दे। बेटियां तो समझदार भी थीं। ऐसे में रेनू यादव तीनों बच्चों के साथ रात में आखिरकार कैसे तालाब में कूदी। इतना ही नहीं, सास से झगड़े के बाद जब वह घर से निकली और रातभर नहीं आई तो स्वजनों ने उनकी खोजबीन भी नहीं की। पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई। इसी वजह से इस घटना को सुनियोजित कत्ल की वारदात करार दिया जा रहा है।

मायके वालों ने लिखा दिया है हत्या का केस

यह भी कहा जा रहा है कि विवाद के बाद रेनू ने फोन पर मायके वालों के साथ ही नैनी में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी कर रहे पति से भी बातचीत की थी। तब पति ने कहा था कि वह सुबह आकर देखेगा। मगर कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि पति ने रेनू से मकान खाली करने के लिए कहा था। महिला का ससुराल वालों के साथ पति से भी मतभेद था, आत्महत्या जैसी घटना के पीछे यह वजह किसी के गले से नहीं उतर रही है। उधर, मायके वालों ने ससुरालीजनों पर हत्या का आरोप लगाया है। उसके आधार पर दहेज की खातिर रेनू व उसके बच्चों का कत्ल किया है। हालांकि दहेज के मामले में आमतौर पर महिला के साथ ही घटना होती है, बच्चों के साथ नहीं होना पाया गया है। पुलिस सास से विवाद के बाद आत्मघाती कदम उठाने की बात तो कह रही है, लेकिन विवाद किस बात को लेकर हुआ था। ऐसे कई सवाल हैं, जिसका जवाब नहीं मिल रहा है। इसी वजह से मायके वालों ने इस घटना में ससुरालियों के खिलाफ कत्ल का केस लिखाया है जिसकी छानबीन की जा रही है।

टार्च, लाठी लेकर क्यों गया था पहाड़ी पर

तीन बच्चों संग महिला की मौत के बाद रविवार शाम को इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक बुजुर्ग महिला, जिसे रेनू के परिवार का सदस्य बताया जा रहा है। वह बता रही है कि गोरे नामक शख्स रात में टार्च और लाठी लेकर पहाड़ी की तरफ गया था। कुछ देर बात वापस लौटा तो दरवाजे पर बैठकर काफी देर तक रोता रहा। उसने लोगों से यह भी कहा कि सब कुछ तबाह हो गया था। गोरे कौन है और वह पहाड़ी की तरफ क्या करने गया था। इसका भी पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है।

घटना के वक्त नैनी में था पति

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि रेनू का पति शिवकरन नैनी स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में बतौर प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। शनिवार रात वह नैनी में था। रविवार सुबह अपने साले के साथ गांव पहुंचा था। हालांकि शनिवार रात उसकी अपने पत्नी से क्या-क्या बात हुई थी। यह भी साफ नहीं हो सका है। पुलिस का कहना है कि परिवार शोक में है, जिस कारण ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ होगी तस्वीर

रेनू ने अपने बच्चों के साथ आत्महत्या की है या उसका कत्ल किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही यह पता चल सकेगा। हालांकि पुलिस ने जब शवों को तालाब से बाहर निकाला था, तब उसके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया। मगर पोस्टमार्टम में यह साफ हो जाएगा। सभी के शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को होगा।

मातम में बदल गई त्योहार की खुशियां

रक्षाबंधन के त्योहार पर तीन बच्चों और महिला की मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। कल्पना और वर्तिका अपने छोटे भाई गोलू के हाथ में राखी भी नहीं बांध पाईं। गोलू भी बहनों के साथ काल के गाल में समा गया। रेनू भी अपने भाई के कलाई पर नेह का धागा नहीं सजा सकी। लालापुर स्थित हरिशंकर इंटर कालेज में कल्पना आठवीं, वर्तिका सातवीं में पढ़ती थीं, जबकि गोलू प्राथमिक विद्यालय में चौथी कक्षा का छात्र था। इस घटना से परिवार ही नहीं, गांव में भी मातम पसरा रहा।

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