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Allahabad Central University की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं 17 अगस्त से Prayagraj News

पहले चरण में स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराई जाएंगी। दूसरे चरण में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 15 Jun 2020 08:17 PM (IST)
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Allahabad Central University की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं 17 अगस्त से Prayagraj News
प्रयागराज,जेएनएन।  इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) और संघटक महाविद्यालयों की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं 17 अगस्त से कराई जाएंगी। परीक्षाएं तीन घंटे की जगह दो घंटे में होंगी। यह निर्णय सोमवार को कुलपति कार्यालय में कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया। यदि हालात सामान्य नहीं रहने पर परीक्षार्थियों को प्रोन्नत कर दिया जाएगा।

परीक्षा के पारूप में बदलाव पर लगी मुहर

इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए परीक्षार्थियों को सात अगस्त से हॉस्टल और डेलीगेसी में रहने की अनुमति दे दी गई है। समिति ने परीक्षा के प्रारूप में बदलाव पर भी मुहर लगाई है। इसके लिए सवालों की संख्या घटा दी गई है। शनिवार और रविवार समेत तीन चरणों में होने वाली परीक्षा में परीक्षार्थियों को केवल चार सवालों के जवाब देने होंगे। पहले चरण में स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराई जाएंगी। दूसरे चरण में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है। फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिहाज से परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी और सैनिटाइजेशन भी कराया जाएगा। प्रयोगात्मक परीक्षाएं आंतरिक स्तर पर होंगी और वायवा ऑनलाइन मोड में लिया जाएगा।

हालात सामान्य न होने पर करेंगे प्रोन्नत

परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि अगस्त के पहले सप्ताह में कोरोना संक्रमण के हालात में सुधार नहीं हुआ तो परीक्षार्थियों को प्रोन्नत कर दिया जाएगा। सेमेस्टर परीक्षा के अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों को इस सत्र में हुई कोई परीक्षा अथवा पिछले कुल सत्र की समेकित परीक्षाओं के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। यदि चालू सत्र में कोई परीक्षा नहीं ली गई हो तो छात्रों को एसाइमेंट दिया जाएगा। यही प्रोन्नत का आधार माना जाएगा। इसी आधार पर दूसरे और चौथे सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। बीए, बीएससी और बीकॉम के अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों को पूर्व के वर्षों की परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। यदि कोई परीक्षार्थी अंक सुधार चाहता है तो उसे द्वितीय परीक्षा की भी अनुमति दी जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह सुविधा केवल सत्र 2019-20 के लिए लागू किया गया है।

शीतकालीन अवकाश में प्रथम-द्वितीय की परीक्षा

परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक बीए, बीएससी और बीकॉम के छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में जाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन हालात सामान्य होने पर शीतकालीन अवकाश में उनकी सभी परीक्षाएं ली जाएंगी। यही नियम द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं पर भी लागू किया गया है। यह निर्णय केवल इसलिए लिया गया है कि नया सत्र प्रभावित होने से बचाया जा सके। प्रायोगिक परीक्षाओं का मूल्यांकन एसाइमेंट और मौखिक परीक्षा के आधार पर होगा।

सछास ने कोर्ट जाने का दिया अल्टीमेटम

समाजवादी छात्रसभा (सछास) की ऑनलाइन बैठक सोमवार को हुई। संचालन करते हुए छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने कहा सारे नियम न्याय के लिए होते हैं। कानून और परंपराएं न्याय की दासी हैं। न्याय इस समय यह है कि सभी छात्र-छात्राओं के समूह की जीवनरक्षा के लिए जो आवश्यक कदम हो उन्हेंं उठाया जाए। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भूपेंद्र यादव और पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने कहा कि जनतंत्र में बहुमत के मानक मूल्यों का आधार उचित ही नहीं बाध्यकारी भी है। पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी और अविनाश विद्यार्थी ने प्रोन्नत करने की मांग उठाई। चेतावनी दी गई कि यदि परीक्षा समिति परीक्षा का प्रस्ताव पारित करती है तो छात्रसंघ कोर्ट जाएगा। क्योंकि विश्वविद्यालय ने करोना से बचाव के लिए कोई भी उपाय नहीं किए हैं। इस दौरान अवनीश यादव, सत्यम सिंह सनी, अवधेश पटेल, भूदेव यादव, सतीश गोलू, सलमान, सुशील कुशवाहा, श्रवण कुमार, गोलू पासवान आदि रहे।

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