Allahabad Central University विवादों में घिरी अतिथि प्रवक्ता भर्ती, मंत्रालय और यूजीसी से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग
इविवि के ऑर्डिनेंस में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए न्यूनतम 21 दिन का समय आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए निर्धारित है। जबकि अतिथि प्रवक्ता के लिए जारी विज्ञापन में केवल 15 दिन का समय ही दिया गया है। ऐसे में यह इविवि के नियमों के खिलाफ है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में अतिथि प्रवक्ता भर्ती के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होते ही नया विवाद भी खड़ा हो गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता इमरान अली ने विज्ञापन अवैध बताते हुए प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। शिकायत इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से की है।
36 विषयों के लिए 10 जनवरी को जारी हुआ था विज्ञापन
इमरान ने शिकायती पत्र में बताया कि इविवि प्रशासन ने 36 विषयों के लिए 10 जनवरी को विज्ञापन जारी किया था। आवेदन की अंतिम तिथि 25 जनवरी तय की गई थी। जबकि 28 जनवरी 2019 को जारी यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार अतिथि भर्ती के लिए वही प्रक्रिया होगी, जो रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अपनाई जाती है। इसमें आरक्षण पॉलिसी, शैक्षणिक योग्यता, विज्ञापन प्रक्रिया और आवेदन पत्र के अलावा फीस भी शमिल है।
आवेदन के लिए दिया गया सिर्फ 15 दिन का समय
इविवि के ऑर्डिनेंस में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए न्यूनतम 21 दिन का समय आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए निर्धारित है। जबकि, अतिथि प्रवक्ता के लिए जारी विज्ञापन में केवल 15 दिन का समय ही दिया गया है। ऐसे में यह इविवि के नियमों के खिलाफ है। पर्याप्त समय नहीं मिलने से देश के दूरदराज राज्यों से अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए। ऐसे में उन्होंने भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। जबकि, इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। फैकल्टी रिक्रूटमेंट सेल (एफआरसी) के निदेशक की ओर से संकायवार अतिथि प्रवक्ता भर्ती के लिए इंटरव्यू कार्यक्रम जारी किया जा चुका है। इस संदर्भ में पीआरओ डॉ. जया कपूर ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।